Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai

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Page 664
________________ साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि - समारोह रिपोर्ट परम श्रद्धेय श्रमणसंघीय सलाहकार मंत्री श्री परम श्रद्धेय गुरुदेव श्री का संक्षिप्त जीवनवृत्त सुमनकुमार जी म. का पचासवां दीक्षा-वर्ष द्वि दिवसीय प्रस्तुत किया गया श्री भीकमचंद जी गादिया (चातुर्मास भव्य समारोह के साथ सानंद सम्पन्न हुआ। इस शुभ समिति अध्यक्ष) द्वारा। समारोह के अध्यक्ष का परिचय प्रसंग पर मद्रासवासी भक्तजनों के अतिरिक्त सुदूर श्री महावीरचंद जी मूथा (कोषाध्यक्ष) ने दिया । प्रान्तों के भक्तजन भी समुपस्थित थे। तदनंतर समारोह अध्यक्ष महोदय ने सार गर्भित यह समारोह श्रमणसंघीय सलाहकार मंत्री श्री भाषण दिया एवं जन-मानस में चेतना की नई लहर सौभाग्यमुनि जी म. 'कुमुद' की पावन निश्रा में मनाया जागृत की। उन्होंने जैन समाज को 'गोवध-निषेध' गया। शासन प्रभावक श्री सुरेशमुनि जी म. 'शास्त्री' हेतु सांसदों, प्रांत के मुख्यमंत्री एवं स्थानीय लोगों को एवं वयोवृद्धा स्थविरा महासती श्री अजितकंवर जी प्रेरणा देने का पुरजोर आग्रह किया। म.सा. का पदार्पण भी हुआ। महामंत्रीवर श्री सौभाग्यमुनि जी म. 'कुमुद', श्री दिनांक २२ अक्टूबर १६६६ के प्रातःकालीन सुरेशमुनि जी. म. 'शास्त्री', श्री सुमंतभद्र जी म. एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता की श्री युत गुमानमलजी सा. महासती श्री अजितकंवर जी म. ने गुरुदेव श्री के लोढ़ा (चेयरमेनः भारतीय जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड, सर्वतोमुखी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और स्वस्थ एवं नई दिल्ली) ने तथा मुख्य अतिथि थे - श्रीमान् दीर्घायु जीवन की मंगल भावनाएं व्यक्त की। मोहनलालजी चोरड़िया, मैलापुर, चेन्नई। लुधियाना से पधारे सर्वश्री टी.आर. जैन, सर्वप्रथम श्री पारसमल जी नाहर ने मंगलाचरण राजेन्द्रपालजी जैन, रामकुमारजी जैन ने भी गुरुदेव श्री प्रस्तुत किया एवं पधारे विशिष्ट अतिथि जनों को मंच का गुणानुवाद किया। श्री सुभाष जी ओसवाल दिल्ली, पर आसीन करवाया गया तदनन्तर माल्यार्पण एवं श्री राजेन्द्रकुमार जी कीमती, हैदराबाद एवं अन्य अनेक शालार्पण, स्मृति चिह्न द्वारा श्री एस.एस. जैन संघ वक्ताओं ने भी गुरुदेव श्री के चरणों में विनयांजलि माम्बलम द्वारा भव्य स्वागत किया गया। श्री रिद्धकरणजी। प्रस्तुत की। लगभग दो हजार की जनमेदिनी के मध्य बेताला (संघ-अध्यक्ष) ने पधारे अतिथियों के सम्मान में मुख्य अतिथि महोदय ने भी गुरुदेव श्री का भावभीना स्वागत अभिभाषण प्रस्तुत किया। हार्दिक वन्दन-अभिनन्दन किया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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