Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
View full book text
________________
साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि
(पंचम वर्ग) ६ पापको परखो-बालसंस्कार (षष्ठ वर्ग) ७. अण्डरसन पेट में भगवान पार्श्वनाथ का जन्म कल्याणक माँ का वात्सल्य, अनरव (सप्तम् वर्ग) ८ तपश्चरण, करुणा, मनाया गया। वहाँ से विहार कर परम श्रद्धेय श्री जी म. मित्रता, क्षमापन, धर्म (अष्टमवर्ग)
बैंगलोर अलसूर पधारे। ___ पर्युषण के आठ दिवसों में महामंत्र नवकार का यकायक... सूचना प्राप्त हुई कि आचार्य श्री हस्तीमलजी अखण्ड जाप हुआ। अनेक व्रत-प्रत्याख्यान हुए। तपश्चरण
म.सा. तेरह दिवसीय संथारे के साथ निमाज में समाधि की बहार आई।
मरण के साथ कालधर्म को प्राप्त हो गए हैं। संघ की दिनांक ६-६-६१ को स्व. आचार्य श्री अमोलक मीटिंग हुई एवं श्रद्धाञ्जलि सभा का आयोजन हुआ। ऋषि जी की पुण्य तिथि एवं १९-२० सितम्बर को जय- आचार्य देव के प्रति सभी ने श्रद्धाभाव समर्पित किए, आत्म-शुक्ल जयंति का सामूहिक आयोजन हुआ। उपर्युक्त । उनके जीवन की चर्चा करते हुए उनके एतिहासिक कार्यों पुण्यतिथि एवं जन्म जयन्ति के उपलक्ष में तप-त्याग तो की विस्तृत चर्चा की एवं उन्हें श्रद्धाञ्जलि अर्पित की। हुआ ही किन्तु जनोपकारी कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए।
युवाचार्य श्री से सम्मिलन १०-६-६१ को आत्म शुक्ल जयन्ति के शुभ प्रसंग पर विशाल निःशुल्क केन्सर निदान एवं शिक्षा शिविर संघ
अलसूर में धर्म गंगा की धारा को प्रवाहित कर आप की ओर से आयोजित हुआ जिससे अनेक रोगी लाभान्वित श्री गाँधी नगर पधारे। गाँधी नगर में डॉ. युवाचार्य श्री हुए इसका उद्घाटन श्री जी.एम. हयाथ (I.P.S) ने शिवमुनि जी म. एवं आदि ठाणा का सम्मिलन हुआ। किया।
युवाचार्य श्री एवं श्रद्धेय चरितनायक जी ने कान्फ्रेन्स की ४-१०-६१ को श्रीमति ललिता कुमारी धर्मपलि श्री युवा शाखा समिति के आग्रह पर मरुधर केसरी म.सा. का अजितराज जी धारीवाल एवं श्रीमति ललिता धर्म पलि
स्मृति दिवस एवं आचार्य श्री हस्तीमल जी म. की जन्म श्री सुशील कुमार जी धारीवाल को मास खमण की तपश्चर्या
जयन्ति मनाई। स्थल था - जयदेव हॉस्टल । बड़ी संख्या के प्रत्याख्यान गुरुदेव श्री ने कराए।
में साध्वी जी म. इस महोत्सव में सम्मिलित हुए। लगभग
१२००० से भी अधिक जनमेदिनी उन महापुरुषों के प्रति चौमासी चतुर्दशी वर्षावास समाप्ति के दिन 'शुक्लप्रवचन'
श्रद्धा अर्पित करने पहुंची। भाग प्रथम का जिसमें मुनि श्री के आत्मसिद्धि पर दिए गये प्रवचन थे, श्रीमान् प्रेमचन्द जी फूलफगर औरंगाबाद ____ मल्लेश्वरम् में परम श्रद्धेय शान्ति स्वरूप जी म.सा. वालों के कर कमलों से विधिवत् विमोचन हुआ। की पुण्य तिथि भी सोत्साह मनाई गई। आप श्री ने
दौड्डवालापुर श्री संघ को फाल्गुणी चौमासी की स्वीकृति विदायगी
प्रदान की। यथा समय आप दौड्डवालापुर पधारे। श्री इसी के साथ वर्षावास सानंद सम्पन्न हुआ एवं वहाँ संघ में नूतन जागति आई। से गुरुदेव श्री ने प्रस्थान किया - जन समूह ने भावपूर्ण श्रद्धाविह्वल विदाई दी।
वज्रापाती सूचना वर्षावास में त्रिशला जैन महिला मंडल एवं श्री एस.एस. फाल्गुनी चौमासी सम्पन्न हुई। डॉ. युवाचार्य श्री जैन युवक संघ का उत्साह सराहनीय रहा।
शिव मुनिजी म. भी दौड्डवाला पुर पधारे। यहाँ एक
८४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org