Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
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सर्वतोमुखी व्यक्तित्व दशांग सूत्र वाचन, एवं विभिन्न विषयों पर प्रवचन, दोपहर को धर्म-चर्चा एवं चौपाई संपन्न हुए। सामूहिक क्षमापना समारोहः
दिनांक १८-६-१६६६ को सामूहिक क्षमापना समारोह संपन्न हुआ जिसमें समस्त श्वेताम्बर श्री संघ भी उपस्थित रहा। चातुर्मासार्थ विराजित श्रमण संघीय सलाहकार मन्त्री श्री सुमन मुनि जी महाराज एवं श्री सुमन्तभद्र जी महाराज के सान्निध्य में संपन्न इस समारोह में साध्वी श्री चन्द्रयशा श्री जी म.सा., श्री मीनेशाश्री जी म.सा., श्री यशवीरा श्री जी म.सा. ठाणा ३ की उपस्थिति से कार्यक्रम सुशोभित रहा। संघ की ओर से अध्यक्ष श्री ए. केवलचन्द जी सिंघवी, संघ मन्त्री श्री बी.ए. कैलाशचन्द जी जैन ने क्षमापना पर प्रकाश डालते हुए सामुहिक क्षमायाचना की। आस-पास क्षेत्रों से भी श्रद्धालु श्रावक श्राविकाओं की उपस्थिति रही।
सलाहकार मंत्री पूज्य श्री सुमन कुमार जी महाराज, सेवा भावी श्री सुमन्तमद्र जी महाराज ठाणा दो के चातुर्मास प्रवेश पर प्रातः ७-२० बजे नरसिंहराजा विधान सभा क्षेत्र के विधायक श्री ई. मारूतीराव पवार मुनि श्री के आगमन पर पधारे, एवं उन्होंने महाराज श्री का अभिवादन किया। ७.३५ बजे मैसूर नगर के महापौर श्री एम.एम. राजू ने नगर प्रवेश का स्वागत किया। शोभा यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होकर मुनि श्री का चातुर्मास के लिए मंगल प्रवेश ८.१५ बजे स्थानक भवन में हुआ। जहां पर धर्म सभा हुई। संपूर्ण जैन समाज चतुर्मास प्रवेश की धर्मसभा में हर्षोल्लास से सम्मिलित रहा। मैसूर के महापौर श्री एम.एस. राजू मुख्य अतिथि रहे। आस-पास के क्षेत्रों से भी दर्शनार्थी बंधुगण पधारे। चातुर्मास काल के प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को विशेष धार्मिक कार्यक्रम (प्रश्नमंच, प्रतियोगिता आदि) करने की घोषणा की गई। स्वतन्त्रता दिवस:
दिनांक १५-८-१६६६ को राष्ट्र के ५० वें स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर प्रातः ८.०० बजे उपाध्यक्ष श्री जी. मोहनलाल जी सेठिया द्वारा जैन भवन पर राष्ट्र ध्वजारोहण संपन्न हुआ। इस दिन पूज्य श्री सुमन मुनि जी के सान्निध्य में श्रमण संघीय द्वितीय पट्टधर आचार्य सम्राट श्री आनन्द ऋषि जी महाराज सा. की ६७ वीं जन्म-जयन्ति जप-तप- त्याग एवं गुणानुवाद से मनाई गई।
दिनांक २७-५-१६६६ को मरूधर केसरी श्रमण-सर्य प्रवर्तक श्री मिश्रीमल जी.म.सा.की १०६ वीं जन्म जयन्ति गुणानुवाद से मनाई गई। पर्वाधिराज पर्व पर्दूषणः
पर्वाधिराज पर्व पर्दूषण की आराधना दिनांक १०६-१९६६ से १७-६-१९६६ तक जप-तप और त्याग से की गई। प्रतिदिन प्रातः- प्रार्थना, प्रवचन में अंतगड
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अन्नदान कार्यक्रमः
युवाचार्य डॉ. शिवमुनि जी म.सा. की जन्म-जयन्ति के उपलक्ष में २२-६-१६६६ को अन्नदान कार्यक्रम संपन्न हुआ। एवं दिनांक २४-६-१६६६ को श्रमण संघीय प्रथम पट्टधर आचार्य सम्राट श्री आत्माराम जी म.सा. की ११५वीं और युवाचार्य प्रवर्तक श्री शुक्लचन्द जी म.सा. की १०२ वीं जन्म-जयन्ति जप-तप-त्याग एवं गुणानुवाद से मनाई गई। तत्पश्चात् आचार्य प्रवर श्री जयमल जी म. सा. की २८६वीं जन्म जयन्ति दिनांक २५-६-१६६६ को हर्षोल्लास से संपन्न हुई। वस्त्र वितरण समारोहः
दिनांक २६-६-१६६६ को आत्म-शुक्ल-जय जयन्ति के संदर्भ में ग्रामीण सरकारी पाठशालाओं के विद्यार्थियों को वस्त्र वितरण एवं लेखन सामग्री वितरण कार्यक्रम का
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