Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
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लेखानी से शब्द शब्द से वाक्य वाक्य से ग्रन्थ मान्य से साहित्य- कोष में अभिवद्धि! उसी साहित्य का मूल्यांकन है यहाँ ! प्रवचनों की अमृतमायो धारा! सु मान से निसृत सुमाना वचनामृत प्रावाचान पीयूष कण! संदेश देंगेভাল তা অখিল बनाने का। परिवार सिमाज
के हित चिन्तना में सिक्त यह बात | आपको अपि उद्बोधित करेगी -भद्रेश जैन
चतुर्थ खण्ड समन साहित्य : एक अवलोकन
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