Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
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सर्वतोमुखी व्यक्तित्व
से कहा कि सूत्रवाचन के समय ७.३० से ८.३० ध्वनिवर्धक परम श्रद्धेय चरित नायक जी के पदार्पण से एवं यंत्र नहीं लगेगा और प्रवचन के समय ६ से १०.३० तक दर्शन कर, प्रवचन श्रवण कर सभी श्रद्धालू आल्हादित ध्वनिवर्धक यंत्र यथावत् रहेगा। दोनों गुट प्रसन्न हो हुए। गए।
ऊटी से विहार कर परम श्रद्धेय श्री जी म. ठाणा २ पर्व-पर्युषण सानन्द सम्पन्न हुआ। तप-त्याग एवं से मेटपालियम् पधारे। होली चातुर्मास एवं आचार्य सम्राट प्रवचन रूपी त्रिवेणी संगम में अनेक आत्माओं ने अपने
श्री आनन्द ऋषि जी म. का स्मृति दिवस सोत्साह यहीं पाप पंक को बहाकर तन-मन को शुद्ध किया।
मनाया गया। सम्वत्सरी के बाद दूसरे दिन सामूहिक क्षमापना के
इस प्रसंग पर परम श्रद्धेय म.सा. द्वारा आलेखित लिए १०.३० बजे मुनि श्री पधार रहे थे कि विपरीत
__ एवं श्रावक धर्म को दिग्दर्शित करने वाली पुस्तिका “श्रावक दिशा से आ रहा एक आटो रिक्शा एक मारुती से कर्त्तव्य" का भी विमोचन हुआ। विमोचक एवं प्रकाशक टकराकर आपसे आ टकराया। छोटे संत एवं श्री इन्द्रचन्द्र थे. श्री जोधराज जी सराणा। जी भण्डारी भी साथ थे। आप श्री जी के पैर में भयंकर चोट लगी। दो माह तक पीड़ा रही तथापि आप श्री जी प्रार्थनाएं तथा स्वीकृतियां ने समभाव के साथ उस असह्य वेदना को सहा।
उक्त प्रसंग की मधुरिम बेला में कई संघों ने अपनेवर्षावास में “आनंद-आत्म-शुक्ल-जयमरुधर केसरी” अपने क्षेत्र स्पर्शने की, विशिष्ट दिवस अपने-अपने यहां आदि सभी जयंतियां सोत्साह तप-त्याग के साथ मनाई मनाने की तथा आगामी चातुर्मास की पुरजोर विनतियां गईं। धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से इन महापुरुषों को प्रस्तुत की। हार्दिक श्रद्धार्पित की गई।
बैंगलोर वर्षावास घोषणा वर्षावास समाप्ति के पश्चात् आप श्री को भाव पूर्वक विदाई दी अपार श्रावक-श्राविका समुदाय ने। आप सशिष्य
ईरोड़ श्रीसंघ को महावीर जयंति एवं सेलम श्रीसंघ आर.एस. पुरम पधारे। तदनन्तर गांधीपुरम में श्री को अक्षय तृतीया दिवस मनाने की गुरुदेव श्री ने स्वीकृति गौतमचन्दजी नाहर एवं शिवान्दा कालोनी में श्री मोहनलाल प्रदान की। १६६५ का वर्षावास शिवाजी नगर बैंगलोर जी जैन आडिटर के घर स्पर्शते हुए महावीर कॉलोनी को प्रदान किया। तो जय-जय निनादों से वातावरण गूंज पधारे। सिटी में स्थानकवासी शिविर सम्पन्न हुआ। साई उठा। बाबा कालोनी में धर्मापदेश देते हुए आप था न मटुपालयम् मेट्रपालियम से आप श्री का विहार ईरोड़ की ओर के लिए विहार किया। २८-२-६५ मंगलवार को आप
हुआ। १३.४.६५ को ईरोड़ में भगवान महावीर जन्म श्री का पदार्पण ऊटी में हुआ।
कल्याणक दिवस मनाया गया। अपार खुशी एवं आनन्द ऊटी में
के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।। ऊटी ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। भारत के ही तदन्तर आप मध्यवर्ती क्षेत्रों को अपने चरण रज से नहीं अपितु विदेशी लोग भी यहां की प्रकृति का आनन्द पावन करते हुए सेलम पधारे । अक्षय तृतीया के पावन लेने आते हैं।
प्रसंग पर सेलम में भव्य संत-त्रिवेणी संगम हुआ।
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