Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
View full book text
________________
साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि
'चन्दन मुनि' पंजाबी ऐसी भव्य भावना भाये जी । ।
१६. 'महामुनीश्वर रूप चन्द जी' स्वर्गों से देते आशीष । अच्छे, सच्चे, गण्य मान्य मुनि बन दिखलाना विश्वाबीस ||
श्रद्धा पुष्प
१. नोखा मण्डी कोले पिंड पाँचूँ,
कविरत्न चन्दनमुनि (पंजाबी)
धरती जेहड़ी सोहने राजस्थान दीए । शूरवीरां महान योध्यां दी, भामाशाह वरगे दानी इंसान दीए । देश लई जानां वारियांसी महाराणा प्रताप,
अमर सिंह राठौड़ महान दीए । लक्ख सिफ्ता एस वीरभूमि दीआं,
काशाह जैसे संत बलिदान दीए । राजस्थान दी ऐसी ही धरती उत्ते, गिरधारी लाल आए जामा धर्म पहने । धन-धन मुनि सुमनकुमार जी, ओ तेरे क्या कहने। ।
१४
२. माता वीरांदे, पिता भींवराज चौधरी दे
घर जन्म सुहाना पाया जो । बेटे रूप विच पाके तैनूं,
भाग अपने नूं ओन्हां सलाहिया जो । माघ शुक्ला पंचम सं. १६६२, दिन वसंत दा शुभ आया जो ।
डियां गरीबां ताईं खैरातां, मां पिआं वल्लों सर पाया जो । मिली वधाई गीत खुशीदे गाए,
Jain Education International
रल पिंडदीयां धीआं भैणे जो धन-धन...।
३. छोटी उमरें पई जुदाई,
माता पिता कर गए चढ़ाईयां | गुरुवर्या वृद्ध रुकमांजी दिआं, मिलियां आन के धाईयां । सेठिया जैन हाई स्कूल विच, शुरु कित्तियां फेर पढ़ाईयां । तेरह सालदी उमरे पंजाब आए, किस्मत ने दित्ति आन वधाइयां । सम्वत २००७ सोमवार शुभ दिहाड़े, केसरिए बाने पहिने | धन धन .......
४. ज्ञान ध्यान सिखदे,
सेवा गुरु दी करदे मन चित्त लाके । संयम रस नूं खूब ही पीत्ता,
मोह ममता परे हटाके ।
मान सम्मान दी भुक्ख ने कोई,
रहंदे समता मई धूनि रमाके ।
आगमां दे प्रकाण्ड विद्वान आलावक्ता पशखटिया सम्मेलन जाके ।
श्रमणसंघ दे कई पद मिले जो रखदे हन कुछ मायने । धन धन मुनि सुमनकुमार........
५. प्रधानाचार्य पूज्य सोहनलालजी, जैन समाज विच मन्ने जाँदे ने । भारत केसरी महान आचार्य, पूज्य कांशीरामजी कहाँदे ने । पं.र. पंजाब प्रवर्त्तक युवाचार्य शुक्लचन्द जी प्यारे शिष्य कहान्दे ने पं. महेन्द्र कुमार जी शिष्य उन्हाँदे, शहर मालेरकोटले अंतसमाधि पांदे ने इतिहास केसरी, मंत्री, सलाहकार शिष्य उन्हांदे,
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org