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उनके जैनधर्म स्वीकार करने के बाद के जीवन से है। अत : हेमचन्द्राचार्य का जीवन - चरित्र लिखते तम्य श्री सोमप्रभसूरिकृत "कुमारपालपतिबोध को आधार मानकर, अन्य लेखकों द्वारा निर्दिष्ट सामग्री का उपयोग करना भी आवश्यक प्रतीत होता है
जीवनचरित्र - आचार्य हेमचन्द्र का जन्म गुजरात में अहमदाबाद ते साठ मील दूर दक्षिप - पश्चिम में स्थित "धुन्धुका नगर में वि. सं. 1145 (1088 ई.)कार्तिकी पूर्णिमा की रात्रि में हुआ था।' संस्कृत ग्रन्थ में इते "धुक्कनगर" या "धुकपुर" भी कहा गया है। यह प्राचीनकाल में सुप्रसिद्ध व समृदिशाली नगर था। इनके माता - पिता मोढवंशीय वैश्य ये तथा पिता का नाम चाचिग व माता का नाम पाहिणी देवी था। इनकी कुलदेवी “चामुण्डा' और कुलयक्ष "गोनस था। माता - पिता ने देवता - प्रीत्यर्थ उक्त दोनों देवताओं के आधन्तक्षर लेकर बालक का नाम चांगदेव रखा। अतः आचार्य हेमचन्द्र का मलनाम चांगदेव पड़ा।
डा. मुसलगांवकर के अनुसार आचार्य हेमचन्द्र के पिता व्यापारी तथा देव व गुरू की उपासना करने वाले शव थे पर इनकी माता एवं मामा नेमिनाग जैन धर्मावलम्बी थे।
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आचार्य हेमचन्द्र पृ. १ लेखक - डा, वि.भा. मुसलगांवकर वही, पृ, 9-10 आचार्य हेमचन्द्र - पृ. 10 आचार्य हेमचन्द -पृ. 11-12