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आचार्य हेमचन्द्र -
भारतवर्ष के प्राचीन विद्वानों में बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न जैन पवेताम्बराचार्य श्री हेमचन्द्रतरि का अत्यन्त उच्च स्थान है। पं0 शिवदत्त शर्मा के अनुसार संस्कृत साहित्य और विक्रमादित्य के इतिहास में जो स्थान कालिदास का, श्रीहर्ष के दरबार में बापट्ट का है, प्रायः वही स्थान ईसवी सन की बारहवीं सदी के चालुक्यवंशी सुपसिद्ध गुर्जर - नरेन्द्रशिरामपि सिद्धराज जयसिंह के इतिहास में हेमचन्द्र का है।'
आचार्य हेमचन्द्र ने अपने युगान्तकारी तथा युगसंस्थापक व्यक्तित्व
के आधार पर तत्कालीन गजरात के सामाजिक, साहित्यिक तथा राजनीतिक
इतिहास के निर्माण में अद्भुत योग दिया।
___जर्मन विद्वान् स्वर्गीय डा. बल्डर ने अपने "लाइफ आफ हेमचन्द्र नामक गन्ध (हि. अनुवादक - कस्तूरमल बांठिया) में आचार्य हेमचन्द्र के जीवन का आलोचनात्मक विवरप प्रस्तुत किया है। हेमचन्द्र के जीवन का विवाद विवेचन करने में डा. बल्डर ने जिन चार गन्थों की सहायता ली है वे इस प्रकार हैं
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1. हेमचन्द्राचार्य जीवनचरित्र - अनु0 कस्तरमल बांठिया 2. हेमचन्द्राचार्य जीवनचरित्र - अनु० कस्तूरमल बांठिया