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द्वितीय-परिच्छेद ]
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६५ विजयऋद्धिसूरि -
__ आबू के समीपवर्ती थाणा गांव के, वीसा पोरवाल, पिता नाम जसवंत, माता नाम यशोदा, सं० १७२७ में जन्म, विजयमानसूरि के पास सं० १७४२ में दीक्षा, सं० १७६६ में सिरोही में सूरि-पद, सं० १७६७ में स्वर्ग-गमन, मतान्तर से १८०६ में स्वर्गवास । ६ विजयसौभाग्यसूरि - विजयप्रतापसूरि -
विजयसौभाग्यसूरि का जन्म स्थान पाटन, जाति प्रोसवाल, १७९५ में सादड़ी में सूरिषद, सं० १८१४ में सिनोर में स्वर्ग-गमन । ६७ विजयउदयसूरि -
जन्म-स्थान गांव वांकली, सूरिपद मुण्डारा में, सं० १८५६ में, पाली में स्वर्गवास। ६८ विजयलक्ष्मीसूरि -
० १७६७ में जन्म हणादरा समीपवर्ती पालडी में, पिता का नाम हेमराज, माता आनन्दीबाई, दीक्षा सं० १८१४ में सिनोर में, सं० १८५६ में भट्टारक-पद और इसी वर्ष में स्वर्गवास । ६६ विजयदेवेन्द्रसूरि -
__सूरत में जन्म, १८५७ में बड़ोदे में गच्छाधिपति-पद और सं० १८६१ में राजनगर में स्वर्गवास । ७० विजयमहेन्द्रसूरि -
जाम-स्थान भीनमाल, जाति प्रोसवाल, सं० १८२७ में प्रामोद में दीक्षा, सं० १८६३ में विजापुर में स्वर्गवास । ७१ विजयसुरेन्द्रसूरि (समुद्रसूरि) ७२ धनेश्वरसूरि
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