Book Title: Pattavali Parag Sangraha
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

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Page 520
________________ शुद्धि - पत्रक प्रशुद्ध पृष्ठांक पंक्त्यङ्क शुद्ध गुर्वावल्य स्थविर बार्द्धवय सघ एयायरियस्स विण्रणेय निगंथा भंतेवासी स्यविर काकद सभूतविजय १२ १३ १५ ४ २२ २१ गुर्वावल्यः स्थविर वार्द्धवय संघ एगायरियस्स विष्णेयं निग्गथा अंतेवासी स्थविर काकंद संभूविजय १७ १७ १२ १५ प्रज्जतावसाया स्यविर सभूतविजयजी कोडंबाणा स्यविर अज्जतावसानो स्थदिर संभूतविजयजो कोडबाणी स्थविर २०१ २०१७ २० २० २० २२ २० २४ २२ २ २२ २१ रोहगुप्त राहगुप्त चउत्ययं गोडा . बउस्थय गोंगा ___Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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