Book Title: Pattavali Parag Sangraha
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

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Page 530
________________ पृष्ठांक पंक्त्यङ्क ३२५ ३ ३२५ ३२५ २५ ३२५ ३२६ २० ३२६ १७ ३२६ २१ ३२६ स्तूपमूर्ति चैत्य से वडगांव से पावापुरी स्थापना ज्ञानलक्ष्मी विधिसमुदाय उच्चापुरी उनके साधुनों को अशुद्ध स्तूतमूर्ति चैत्र में वडगांव में पावपुरी स्थापना ज्ञनलक्ष्मी विधिममुदाय उच्चापुरोय उनको साधुओं की सघ जिनासा राजेन्द्राार्य हेमभषण भो लाटहद जसलमेरु बहरामपुर बनाकर प० अमृतचन्द्र टहर ३३० ३३१ १४ ३३१ टि०१ संघ जिनाज्ञा ३३३ अंतिम ३३५८ ३ ३३६ ३४० ३४० ७ २४ ३४१ अंतिम १२ ३४१ ३४२ ३४३ ३४३ राजेन्द्राचार्य हेमभूषण भी लाटहद जेसलमेरु बहिरामपुर बताकर पं० अमृतचन्द्र ठहर संघ मुंगथला लौटकर रूप्य टंक छोटे से पढकर संघ सघ ७ मुंगुथला लोटकर रूप्य टक छोटे में पढंकर सघ ३४३ ३४३ ३४४ ३४४ १५ २१ १३ २० ___Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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