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शुद्ध
[ ५ ] पृष्ठांक पंक्त्यक १४६ १३ १४६ २१ १५१ १५२ १० १५४
१५७ १५७ १५६
प्रशुद्ध पड था अचार्य विज्ञप्तिलेखन विमलसरि खं त मालिक फजल के तीजे बादशाह का प्रजन हुप्रा था था। काई नहीं आचर्य श्री दल बदल सातबन्दर देश में सुत्तत्यदायगा सधा वर्ष मानते सूमति साधुसूरि
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पड़ा था
प्राचार्य विज्ञप्ति लेख विमलसूरि
खंभात
मलिक फजल के भतीजे बादशाह को
अंजन हुआ था।
कोई नहीं आचार्य श्री बल वादल सूरतबन्दर
देशों में सुत्तत्थदायगा
सच्चा
वर्षों
१६० २० १६१ १६ १६२ १२ १६३ १६७ १७१ १७१ १७५८ १८१ १८२ १८२ १८३ १३ १८५ १६ १८५ २६ १८७ १८८ १८८६ १८८
मानने सुमति साधुसूरि
स०
सं.
मेरा हससोम गच्छाधिप १५३६ तुर्मुख
मेरो हंससोम गच्छाधिप
or worm uru
चतुर्मुख
लुंगा
लुका
सहकोषधि
सहस्रोषधि
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