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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ कोषों पर कुछ न कुछ असर-प्रभाव होता ही है । इसीलिए अच्छे से अच्छा सोचना चाहिए, अच्छा बोलना चाहिए और श्रेष्ठ कल्याणकारी वर्तन हमें करना चाहिए ।
चेता संगठन के विविध स्तर :
| वर्तन
Behaviour
| तंत्र
Systems
जालाकार विन्यास
Networks
चेता
Neurons
सायनेप्स
Synapses
| रासायणिक पदार्थ
Molecules
जनीन
Genes
इन सभी संशोधनों के स्तर पर मुख्य आविष्कारों की वजह से जो अनुसंधान हुए है, उस से चेता विज्ञान द्रुत गति से ऊपरी स्तर पर उभरा है, जो कि एक तरफ - मनोचिकित्सा से लेकर आण्विक चेता विज्ञान (molecular neurobiology) और चेता जनीन विद्या (neuro-genetics) तक विस्तृत है।
यह सब संशोधन मानसिक और न्यूरोलोजिकल रोगों की सारवार में बहुत उपयोगी हो रहे हैं।
इतना समझने के बाद मस्तिष्क और चेतातंत्र के रोगों के वर्गीकरण के बारे में देखते है । (१) मस्तिष्क की चेतना में विक्षेप-बदलाव आना : (Altered
Consciousness) कोमा (बेहोशी) इत्यादि
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