________________
236
मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ चयापचय की जिस खामी से यह रोग होता है, उसका उपचार करने से कुछ रोग में फायदा मिलता है। नियमित कसरत (Physiotherapy)
तो जरूरी है ही। (D) माईटोकोन्ड्रियल मायोपथी :
इसमें माईटोकोन्ड्रिया जो शरीर के प्रत्येक कोष का ऊर्जास्त्रोत है उसमें खामी देखने को मिलती है, जैसे कि माईटोकोन्ड्रिआ के डी.एन.ए. का म्यूटेशन, एन्झाईम की खामी या उसकी रचना में खामी । इसमें मुख्यतः आँख के स्नायुओं पर ज्यादा असर देखने को मिलती है। साथमें हाथ और पैर के स्नायुओं में भी कमजोरी होती है । इसके अलावा नाटापन, रीढ की हड्डी का टेढा हो जाना, हृदय के स्नायुओं की कमजोरी, न्यूरोपथी, बहेरापन, होर्मोन्स की खामी, खिंच, चलने में तकलीफ होना, सरदर्द, पक्षाघात होना वगैरह कई मरीजो में देखने को मिलता है। यह सब चिह्न समूह पर से कौन से प्रकार की माईटोकौन्ड्रियल मायोपथी है, यह पता चल सकता है। जैसे कि, - कर्न सयारे सिन्ड्रोम - एम.ई.आर.आर.एफ. - एम.ई.एल.ए.एस. जनीनों की विशिष्ट जाँच करने से माईटोकोन्ड्रियल डी.एन.ए. म्यूटेशन देखने को मिलता है । नियमित कसरत के अलावा इसका कोई उपचार नहीं है। को-एन्झाईम क्यू-१० और विटामिन्स देने से स्नायुओं की कमजोरी में थोड़ा फायदा थोडे समय तक देखने को मिल सकता है। मरीज को कमजोरी के अलावा जो लक्षण हो, उसका उपचार करना चाहिए।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org