Book Title: Mastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Author(s): Sudhir V Shah
Publisher: Chetna Sudhir Shah

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Page 308
________________ जगह जगह पे, बहुत सी भाषाओं में हृदयरोग, ब्लडप्रेशर, मेदस्विता (स्थूलता) और डायाबीटीस के बारे में काफी जानकारी आप देखेंगे, परन जाने क्यूँ मस्तिष्क (दिमाग) और चेतातंत्र के बारे में ऐसा कहीं लिखा नहीं गया है। यह पुस्तक इसी दिशा में किया गया एक नम्र प्रयास है, जिसमें आपको मस्तिष्क और चेतातंत्र की कार्यपद्धति से लेकर उनकी बीमारियाँ, इनके उपचार और अटकाव के लिए सूचन के बारे में चिंतन प्राप्त होगा। प्रथम प्रकरण में मस्तिष्क और चेतातंत्र की प्राथमिक माहिती और उनके रोगों का वर्गीकरण दिया गया है। उसके बाद न्यूरोरेडियोलोजी द्वारा जटिल निदान कैसे सरल बनाया जाता है वह जानकारी दूसरे प्रकरण में है। बाद के आठ प्रकरण से दिमाग के प्रमुख और प्रचलित रोगों के बारे में आपको अधिकृत माहिती मिलेगी। ग्यारहवाँ निद्रा का प्रकरण आपको आश्चर्य के साथ कुछ अजीब जानकारी देगा। बारह से पंद्रह तक के प्रकरण तबीबी जगत के लिए अभी तक मुश्किल कहे जानेवाले रोगों के बारे में हैं। सोलह नंबर के प्रकरण द्वारा करोडरज्जु (Spinal Cord) के रोगों की जानकारी आप प्राप्त करेंगे। 17 से 21 प्रकरण में ऐसे विशिष्ट रोगों के बारे में जागरुकता लाने का प्रयास है, जो कि कम विख्यात है, फिर भी दर्दी को क्रमशः परवश और बेहाल बना डालते है। 22 वें प्रकरण द्वारा आजके विश्व की गंभीर समस्या तनाव और उसके उपचार के बारे में तार्किक और वैज्ञानिक समझ दी गई है। जब कभी दवाई और सारवार से दर्द ठीक न हो और जहाँ जरुरत हो वैसे रोग में शस्त्रक्रिया-सर्जरी की बात आती है - वह न्यूरोसर्जरी के बारे में रसप्रद माहिती प्रकरण तेईस में मिलेगी। प्रकरण 24 और 25 में रोग के सारवार में ली जाती हुई दवाईयाँ की माहिती तथा अस्पताल में की जाती सारवार और खास कर के दर्दी के साथ रहनेवाले रिश्तेदारों को दर्दी की देखभाल में क्या ध्यान रखना उसका अतिमहत्वपूर्ण विवरण किया है। विषय-वस्तु की समझदारी बढे वह हेतुसर, यथायोग्य आकृति का आधार लिया है। जहाँ कहीं सुयोग्य हिन्दी शब्द नहीं मिले है, वहाँ मूल अंग्रेजी (English) शब्द लेने पडे है, जिसके लिए सुज्ञवाचकगण मुझे क्षमा करेंगे। विशेषत: कुछ दवाई जनरिकनाम से ज्यादा बाजारु नाम से प्रचलित है - इसलिए उन नाम का उपयोग मात्र पाठकों की सरलता के लिए करना पड़ा है। इस पुस्तक में अब तक प्राप्य और पर्याप्त माहिती द्वारा विवरण दिया गया है। किन्तु, आप सबको ये बात लक्ष्य में रखना बहुत जरुरी है कि तबीबी शास्त्र में और विज्ञान में अविरत विकास और संशोधन की प्रक्रिया चालु ही रहती है। अंतत: यह पुस्तक समाज के लिए खूब लाभदायी सिद्ध हो, ऐसी परमकृपालु परमात्मा को विनम्र प्रार्थना। प्रो. डॉ. सुधीर वी. शाह एम.डी., डी.एम. (न्यूरोलोजी) न्यूरोलोजी सेन्टर, 206-207-208, संगिनी कॉम्प्लेक्स, परिमल रेलवे क्रॉसिंग के पास, एलिसब्रिज, अहमदाबाद-३८०००६ टे.नं.०७९-२६४६७०५२, 26467467 website : www.sudhirneuro.org Jain Education International Personal use

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