Book Title: Mastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Author(s): Sudhir V Shah
Publisher: Chetna Sudhir Shah

View full book text
Previous | Next

Page 259
________________ 240 मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ में स्टिरोइड के सेवन से या अन्य दवाई के दुष्प्रभाव से, डायाबिटीस के अपूर्ण उपचार से, मूत्रपिंड (किडनी), यकृत (लिवर) की लंबी बीमारी से या अधिक शराब के सेवन से और विटामिन की कमी से और केसर से या उसकी दवाई के दुष्प्रभाव से, ऐसे अनेक कारणों से स्नायु कमजोर हो सकते है। योग्य निदान से और ध्यानपूर्वक उपचार करने से यह स्थिति में सुधार हो सकता है । मेलिग्नन्ट हायपरथर्मिया : यह रोग के लक्षण सामान्यतः किसी मरीज को ऑपरेशन के लिए जनरल ऐनेस्थेसिया ( सक्सिनाईल कोलिन, हेलोथेन) दिया जाए तब मालूम पडते है । यह एक आनुवंशिक रोग है । ऐनेस्थेसिया देते वक्त अचानक स्नायु कड़क हो जाते है । पिशाब का रंग कोला जैसा होता है । भारी बुखार आना, धड़कने बढ़ जाना, शरीर नीला पड़ जाना और हृदय की धड़कनों में अनियमितता आना वगैरह लक्षण देखने को मिलते है । इसके निदान के मुख्य टेस्ट है खून में सी.पी. के. की मात्रा (Serum CPK level) जो काफी बढ़ जाती है । इस बीमारी से दर्दी ज्यादातर जान गँवा देता है । इसलिए कोई भी व्यक्ति को जनरल एनेस्थेसिया देने से पहले यह जान लेना चाहिए कि कुटुंब में अन्य किसीको एनेस्थेसिया के दौरान ऐसी कोई तकलीफ या मृत्यु हुई थी क्या ? शरीर को ठंडे करने के उपचार के साथ तात्कालिक डेन्ट्रोलिन नामक दवाई इस में जान बचा सकती है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308