Book Title: Mastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Author(s): Sudhir V Shah
Publisher: Chetna Sudhir Shah

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Page 271
________________ 252 मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ सुर्खियाँ) • हमारी जीवन शैली में उठती हुई समस्याओं और तकलीफों से शरीर और मन जो प्रतिक्रियाएं पैदा करता है उसे स्ट्रेस कहा जाता है। स्ट्रेस केवल नकारात्मक नहि होता है, वह कभी-कभी सकारात्मक भी हो सकता है । • तनाव के कारण हृदय की धडकन बढती है, श्वासोच्छवास शिघ्र होते है, इन्द्रियाँ सतेज होती है, शरीर की चयापचय की क्रिया में वेग आता है, शरीर पे पसीना आता है, रोंगटे खडे हो जाते है, कंपन होती है, मस्तिष्क की विचार शक्ति बढती है और निर्णय शक्ति तेज होती है। लंबे समय के तनाव से कई व्यवहार समस्याएँ और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ आ सकती है। • तनाव पैदा करनेवाली परिस्थिति प्रत्येक व्यक्ति के अनसार भिन्न-भिन्न होती है, जैसे कि पारिवारिक और अंगत समस्याएँ, व्यवसाय और करियर संबंधी समस्याएं या सामाजिक समस्याएँ। तनाव के उपाय में उसे पैदा करनेवाली परिस्थिति का स्वस्थता से सामना करना, परिस्थिति से दूर जाना या कुछ भी न करना, यह सब विकल्प में से जो योग्य हो उसका चयन करना है। • नियमित ध्यान, प्रार्थना, प्राणायाम, व्यायाम और बायोफीडबेक की मदद से भी तनाव पर काबू पाया जा सकता है। • सात्त्विक - पौष्टिक आहार और फलफलादि नियमित लेने चाहिए । • जीवनशैली सुधारने से और अपना अभिगम हकारात्मक करने से स्ट्रेस अवश्य कम हो जाएगा और परिस्थिति का सामना करने की क्षमता बढेगी । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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