Book Title: Mastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Author(s): Sudhir V Shah
Publisher: Chetna Sudhir Shah

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Page 301
________________ 282 मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ (७) आपकी मर्जी अनुसार उपचार, दवाई या लेबोरेटरी परीक्षण का आग्रह न रखें । डॉक्टर से मिलने के पहले अपने आप ही किसी प्रकार की दवाई या लेबोरेटरी परीक्षण नहीं करवाना चाहिये । (८) यदि आपको किसी दवाई की प्रतिक्रिया हो (रिओकशन आ रहा हो) तो डॉक्टर को इसकी जानकारी दे । आपकी बीमारी और उसके उपचार के विषय में अपने डॉक्टर के साथ ठीक से और खुले दिल से चर्चा कर लेनी चाहिये । यह जानकारी लेना आपके लिये बहुत उपयोगी होगा। (१०) आपके डॉक्टर पर पूरा विश्वास रखें । निश्चित वजह के बिना डॉक्टर बदलना नहीं चाहिये । यदि आप अपनी बीमारी के संदर्भ में अन्य किसी डॉक्टर का अभिप्राय लेना चाहते हो तो अपने डॉक्टर को बताकर और उनकी सलाह के अनुसार करना चाहिये । हो सके तो उनकी चिठ्ठी ले लेना चाहिये । (११) यदि आपकी समस्या दीर्घकालिन हो तो निम्न लिखित चिह्न, उसके समयानुसार नोंध करें : प्राय: कोई गंभीर रोग हो सकता है - जैसे कि केन्सर वजन कम होना । शरीर में कहीं भी गांठ या सूजन । आवाज़ में बदलाव । शरीर के किसी भी प्राकृतिक मार्ग से रक्त बहना । दीर्घकालिन खांसी । दीर्घकालिन बुखार । ऊपर वर्णित अनुसार जानकारी अपने साथ रखकर डॉक्टर को मिलने से आपकी समस्या का उपचार करने में उन्हें सरलता रहेगी। आपको भी बीमारी का योग्य उपचार मिलेगा । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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