________________
275
25 - अस्पताल में भर्ती किए हुए मरीज़ संबंधित जरूरी सूचनाएं । (७) मुँह की दरकार (माऊथ-केर) :
मुँह में छालें, परत न हो इसलिये प्रतिदिन मुँह की जाँच करनी चाहिये । दिन में दो बार मेडिकेटेड़ ग्लिसरिन तथा माऊथफेशनर लगाना चाहिए, दांत साफ करना बहुत आवश्यक है। मरीज़ होश में हो तो कुल्ली करानी चाहिए। (८) व्यायाम (Physiotherapy) :
मरीज़ को कई बार लंबे समय तक व्यायाम चालू रखना पड़ता है। मरीज़ की वह कार्यविधि में सहायता हो इसलिये और घर जाने के बाद व्यायाम चालू रखने के लिये फिजियोथेरेपिस्ट या डॉक्टर से उस विषय में जानकारी ले लेनी चाहिए । कौन सा व्यायाम कब, कितने समय के लिये करना है, इस संदर्भ में दी गई सूचना का पालन करना चाहिये और उसके मुताबिक ही व्यायाम कराना चाहिये ।
(१) मरीज़ को पक्षाघात हो तो उस अंग का व्यायाम कराना चाहिये। (२) मरीज़ अगर बेहोश हो तो उसके दोनों हाथ-पैर प्रति दो घंटे पर
हिलाकर व्यायाम करवाना चाहिये । (३) सामान्यतः व्यायाम दिन में चार से छ: बार और दस से बीस
मिनट के लिये करवाना चाहिए, थकान नहि लगनी चाहिए । (४) मरीज़ के पैर पर सूजन हो, पैर पर लालाश हो तो डॉक्टर को
जानकारी दें। कभीकभी वह बहुत ही खतरनाक रोग (DVT)
का चिह्न हो सकता हैं। (९) छाती में से कफ निकालना (Suction) :
मरीज़ लंबे समय तक सोते रहता है तब श्वसनतंत्र में मुश्किलें आती है। छाती में कफ भर जाना, छाती में से आवाज़ आना । उसमें से न्यूमोनिया होने का डर रहता है। श्वास की क्रिया भी उससे बिगड़ती है। ऐसे मरीज़ को बारबार पतली ट्यूब के तहत गले और छाती में से सक्शन करवा
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org