________________
246
*
मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ दुर्घटना के शिकार बने लोग या उसे देखनेवाले व्यक्ति भी तनाव के शिकार हो सकते है। 'ए' प्रकार का ('टाइप ए') व्यक्तित्व जिसमें मनुष्य अधिक महत्वाकांक्षी, उग्र, घमंडी होता है, यह परिस्थिति भी तनाव पैदा करती है। जन्म, विवाह, गर्भावस्था, विवाह-विच्छेद (तलाक), निवृत्ति, परिवारजन का मृत्यु जैसे जीवन के प्रसंग भी तनाव पैदा करते
है।
इसके साथ ही आधुनिक जीवनशैली तथा आधुनिक जीवन की भागदौड-स्पर्धा में और अधिक कमाने की दौड में लगे रहने के लिए झूझता हुआ व्यक्ति आसानी से तनाव और तनावजन्य
बीमारियों का शिकार हो जाता है। तनाव पर नियंत्रण हेतु और तनाव से दूर रहने के उपाय :
सबसे पहले तो हमें तनाव उत्पन्न करनेवाली परिस्थिति को समझना पड़ेगा और शांत चित्त से योग्य समाधान करने का प्रयत्न करना पड़ेगा। इसके अलावा तनाव के चिह्नों को सावधानी का संकेत मानकर, तनाव पर नियंत्रण पाने के लिए त्वरित योग्य कदम उठाने चाहिए। • उपचार :
तनाव के कारणों और चिह्नों के विषय में जागृति लानी हो तो, तनाव पैदा करनेवाली परिस्थितियों का मूल्यांकन करके उसे हल करने के विकल्पों को पहचाने और सुनिश्चित करें। • प्रवर्तमान परिस्थिति-संयोग संदर्भ : (१) परिस्थिति का समझदारी और स्वस्थता से मुकाबला करें:
उदाहरण - परीक्षा के समय दिनचर्या में बदलाव लाकर, पढ़ने के लिए समयतालिका बनाकर योग्य मार्गदर्शन के साथ तैयारी करें।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org