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12 - मस्तिष्क की संक्रमित बीमारिया (CNS Infections) नहीं करना चाहिए और ज्यादा मानसिक थकान न आए उसका भी ध्यान रखना चाहिए । एईड्स को रोकने के उपायो के बारे में इसके बाद के प्रकरण में पढेंगे । उसमें बताएँ अनुसार सावधानी रखनी चाहिए । बाहर के अस्वच्छ और खराब गुणवत्तावाले आहार और प्रवाही से दूर रहना चाहिए ।
अंत मे, अंग्रेजी कहावत "Prevention is better than cure" (रोग को रोक लेना रोग के उपचार से ज्यादा अच्छा है), याद रखनी चाहिए ।
(सखियाँ
• मस्तिष्क शरीर के अन्य अंगो की तुलना में कई बार अति शिघ्रता से संक्रमित बिमारी का भोग हो सकता है । विशेषत: मस्तिष्क का टी.बी., पायोजनिक मेनिन्जाइटिस, मवाद की गांठ, एन्सेफेलाइटीस, जहरी मेलेरिया, सिस्टिसरकोसिस, वगैरह रोग संक्रमण से होते है । • मस्तिष्क के आवरणों में टी.बी. का संक्रमण हो तब उसे
टी.बी. मेनिन्जाइटिस कहा जाता है । मस्तिष्क के कोर्टेक्स में संक्रमण हो तो उसे एन्सेफेलाइटिस कहा जाता है । • स्ट्रेप्टोमाइसीन, आइसोनायासाइड, रीफामपीसीन,
पाइरेझीनामाइड, इथाम्ब्युटोल, लीवोफ्लोक्सासीन, वगैरह
दवाईयां टी.बी. में अक्सीर होती है। • पायोजनिक मेनिन्जाइटीसमें संक्रमित जंतु मस्तिष्क में मवाद बना कर जल्दी से फैलते है, इसलीए यह जोखिम युक्त रोग
• क्रिप्टोकोकस, कोकिडोसिस, केन्डीडा, एस्परजिलस वगैरह फफूंद से मस्तिष्क में होनेवाली बिमारी को फंगल मेनिन्जाइटिस कहते है।
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