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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ
पेरीफेरल न्यूरोपथी के कुछ मुख्य प्रकार है, जिसे पोलीन्यूरोपथी, एन्ट्रेपमेन्ट न्यूरोपथी और मोनोन्यूरोपथी, मोनोन्यूरोपथी मल्टिप्लेक्स कहते हैं । अनेक रोग और अन्य कारणों से ऐसी पेरीफेरल न्यूरोपथी होती है ।
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कुछ न्यूरोपथी ऐसी होती है जिसमें प्राथमिक न्यूरोलोजिकल बीमारी होती है। जैसे कि वंशानुगत न्यूरोपथी ( HMSN - I to HMSN-VI) या ए.आई.डी.पी.। कुछ में न्यूरोलोजिकल और अन्य सिस्टम के रोग होते है जैसे कि केसर से संबंधित न्यूरोपथी और कुछ बीमारियों में सालों बाद चेताओं पर असर होती हैं, जैसे की डायाबिटीस । एकदम शीघ्र होती और फैलने वाली न्यूरोपथी में अधिकतर अस्पताल में भरती होना पडता है, जैसे कि ए.आई.डी.पी.
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मोनोन्यूरोपथी में एक अथवा अधिक विभिन्न चेताओं की कार्यशक्ति बिगड़ती है । सामान्यतः उसमें दर्द होता है । एन्ट्रेपमेन्ट न्यूरोपथी में एक या ज्यादा नस उसके निर्धारित मार्ग में बीच में कही दबती है । जैसे कि कार्पल टनल सिन्ड्रोम में मीडीअन नर्व हथेली की जड़ के आगे दबती है ।
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पोलीन्यूरोपथी में सामान्यतः शरीर के दोनों तरफ बराबर प्रमाण में संवेदना कम होती है, स्नायुओं की कार्यशक्ति कम होती है और अन्य कुछ मुश्किलें भी आ सकती हैं। जैसे कि मल-मूत्र को त्याग ने में परेशानी होती है । पोलीन्युरोपथी दो प्रकार की होती है ।
(अ) एक्झोनल न्यूरोपथी :
इसमें पैर के लिये और हाथ की हथेली में झुनझुनी होती है, जलन की शुरुआत होती है, रोग धीरेधीरे ऊपर की ओर फैलने लगता है और स्नायु भी कमजोर हो जाते है और संवेदना कम होती जाती है । मुख्यतः चयापचय प्रक्रियाओं की बीमारी (metabolic diseases), जैसे कि डायाबिटीस, कीड़नी, लीवर इत्यादि तकलीफ और कुछ विटामिनों की कमी व भारी धातु, जहरीले पदार्थ या केमिकल्स और मुख्यतः दवाई का दुष्प्रभाव (कुछ एन्टिबायोटिक्स, केन्सर केमोथेरपी, एन्टिमलेरियल इत्यादि) से ऐसी एक्झोनल न्यूरोपथी होती हैं। अधिकतर यह धीरे से आनेवाली और लंबे समय तक चलनेवाली बीमारी है और कष्टसाध्य है ।
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