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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ (1) इन्फ्लेमेटरी मायोपथी :
जैसे कि पॉलीमायोसायटिस, डर्मटोमायोसायटिस इत्यादि (G) एक्वायई मायोपथी :
अब हम स्नायुओं की बीमारियों में मुख्यतः वंशानुगत अर्थात् हेरिडिटरी मायोपथीज के संदर्भ में जानेंगे । (A) मस्क्युलर डिस्ट्रोफी : (१) डशेन मस्क्यु लर डिस्ट्रोफी ( Duchenne Muscular
Dystrophy): 'एक्स' रंगसूत्र (Sex-linked recessive) से संबंधित यह वंशानुगत बीमारी एक लाख में से ३० किशोरों में देखने को मिलती है । स्त्रीयां इस रोग से बची है, जब की बीमारी का वहन उन्हीं से होता है। वैसे तो यह बीमारी जन्म से ही होती है, किन्तु उसके चिह्न ३-५ वर्ष की उम्र में नजर आते है । बच्चा चलते चलते गिर जाए, बैठकर उठने में या सीढियाँ चढ़ने में परेशानी का अनुभव करे और क्रमशः कमज़ोरी में बढ़ोतरी हो । पीडी के स्नायु में सूजन हो जाये, जिसे स्यूडो हायपरट्रोफी कहते है । १०-१२ वर्ष की उम्र तक तो अधिकतर मरीज़ो को व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ता है, ऐसे मरीज़ो में उग्र और कभी जानलेवा फेफडे का संक्रमण लगने की भी संभावना रहती है। ऐसे बच्चों में मानसिक विकास मंद होता है और हृदय की
बीमारी भी देखने को मिलती है। निदान :
इस बीमारी का निदान निम्न अनुसार किया जाता है : (१) रक्त के नमूने में सी.पी.के., एस.जी.ओ.टी., आल्डोलेज़
जैसे एन्जाईम्स का प्रमाण बढ़ा हुआ मालूम पडता है । (२) इ.एम.जी. जाँच में कुछ निश्चित गड़बड़ पकडी जाती है
(मायोपथिक पेटर्न)।
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