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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ
रोग का निदान :
उपरोक्त लक्षणवाले मरीज़ की प्राथमिक चेतातंत्र की जाँच में बीमारी के निदान को समर्थन देती कड़ी मिल सकती है। इसमें मुख्यतः 'टेन्डन जर्क्स' (स्नायु के छोर पर हथोड़ी मारने से स्नायु खींचकर हलकासा जर्क्स-झटका उत्पन्न होता है) इस रोग में नाबूद हो जाते है ।
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दूसरी जाँच में मरीज़ की कमर में से पानी खींचकर जाँच की जाती है उस प्रवाही की जाँच करते समय उसमें प्रोटीन का तत्व (मुख्यत: IgG ) बढ़ा हुआ मालूम पड़ता है, किन्तु कोषों में कोई बढ़ावा मालूम नहीं पड़ता है ।
EMG/NCV :
इस में ई. एम. जी. और एन.सी.वी. की जाँच शामिल है । यह न्यूरोपथी, मायोपथी और न्यूरोमस्क्यूलर जंकशन के रोगों के लिए अतिमहत्वपूर्ण जाँच है ।
इसमें चेताओं को विद्युत के माध्यम से उत्तेजित करके और स्नायुओं को साधारण दर्द देने वाली सुई से जाँच करके दोनों के बारे में काफी जानकारी हांसिल की जा सकती है ।
न्यूरोपथी एक्झोनल है या डिमायलिनेटिंग ये पता चलता है । जिससे सारवार में बहुत फर्क पड़ता है I न्यूरोपथी एक चेता से है, कई सारी अलग-अलग चेताओं से है या जनरलाईझड़ न्यूरोपथी है यह पता चलता है । किसी एक चेता में ही रोग हो तो चेता के किस भाग में रोग है ये पता चलता है ।
चेता और स्नायु को जोड़ते न्यूरो- मस्क्यूलर जंक्शन के रोग का निदान भी हो सकता है ।
इसमें रोग प्राथमिक तौर पर चेता का है या स्नायु का, ये भी पता चल सकता है ।
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