________________
19 - न्यूरोपथी (Neuropathy)
219 (४) बेल्स पाल्सी तथा अन्य न्यूरोपथी : ऐसा ही एक अन्य वायरस से होनेवाला रोग है, जो सिर्फ मुँह के स्नायुओं का पक्षाघात करता है, जिसे बेल्स पाल्सी (Bell's palsy) कहते है। इसमें मस्तिष्क में से निकलने वाली सात नंबर की चेता पर सूजन आती है, जो अधिकांशतः पवन लगने से, वाईरस के संक्रमण से या तो कान में सड़न होने से होती है ।
लक्षण : आँख पूरी तरह बन्द न होना, मुँह टेढ़ा होना, मुँह के एक तरफ से लार टपकना, गाल बराबर नहीं फूलना, कान के पीछे दर्द होना, आवाज़ अधिक सुनाई देना और जिह्वा का स्वाद कम हो जाना, जैसे लक्षण
हैं।
तुरन्त उपचार किया जाये तो ९० से ९५ प्रतिशत मरीज़ १ से २ महिने में लगभग सम्पूर्ण ठीक हो सकते हैं। इसके वायरस सामान्यतः एपस्टीन बार, हर्पिस और सायटोमिगालो इत्यादि होते है । कभीकभी दोनों ओर की सात नंबर की नस को एकसाथ असर होता है, परन्तु अधिकतर तो एक ही हिस्से में असर होता है। कोई केस में असर लंबे समय तक या हमेशा के लिए रह जाता है या वही रोग बारबार हमला करता है और बारबार मुँह का पक्षाघात होता है।
(५) डायाबिटीस से उत्पन्न न्यूरोपथी : डायाबिटीस के मरीज़ को लंबे समय के बाद न्यूरोपथी हो सकती है। जितना अधिक पुराना डायाबिटीस
और उसका नियमन जितना कम उतनी ही जल्दी न्यूरोपथी होती है । डायाबिटीस में अनेक प्रकार की न्यूरोपथी होती है, जिसके लक्षण निम्न अनुसार
पैर की चेताएं-नसें कमजोर होने से चलने में या सीढियाँ चढने में परेशानी होती है। पैर में से चप्पल निकल जाये तो मालूम नहीं पड़ता, जाँघ या पैर में अधिक दर्द होता है । पैर के नीचे गद्दी जैसा लगता है, पैर में खूब जलन होती है, हाथ-पैर में झुनझुनी या सुनापन जैसा लगता है । चोट लगने की असर नहीं होती, स्नान के समय गर्म-ठंडे पानी का भेद मालूम नहीं पड़ता। हथेली और पैर की संवेदना कम होती है।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org