________________
15- सेरिब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy)
आपने देखा कि यह रोग की सारवार मर्यादित है, इसलिए हमारा मुख्य लक्ष्य अटकाव (Prevention) होना चाहिए। गर्भ के विकास दौरान गायनेकोलोजीकल नियमित परीक्षण, अस्पताल में प्रसूति और जन्म के बाद शिशु की योग्य देखभाल से रोग को ७० प्रतिशत तक रोका जा सकता है। न्यूरोप्रोटेक्टिव दवाई, मग्नेशियम सल्फेट, ईन्डोमिथासिन और योग्य समय पर सिझेरियन ऑपरेशन का निर्णय इसमें लाभदायी है ।
उपसंहार :
I
सी.पी. ग्रस्त ३३ % बच्चों का बुद्धिआंक अच्छा होता हैं । ये बच्चे स्कूल में जा सकते हैं। शेष बच्चों को स्पेशियल स्कूल में तालीम दी जाती है ।
185
दुखः की बात है कि ऐसे बच्चों का जन्म, कुदरत का अभिशाप माना जाता है । समाज और कुटुंब के लिए ये बच्चे जिम्मेदारी और समस्या बनकर रह जाते है । चिकित्साविज्ञान का इतना विकास होने के बावजूद हम ऐसे केस को रोक नही सकते है या उसका योग्य उपचार भी नहीं कर सकते है । इस कारण हम सब की यह सामाजिक, नैतिक और मानवीय फर्ज है कि ऐसे बच्चों का उपचार और प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओ अथवा फिजियोथेरेपी सेन्टरों को योग्य आर्थिक सहायता दे कर या ऐसी नयी संस्थाएँ स्थापित करके, संभव हो तो ऐसी संस्थाओं में कुछ घंटे बिताकर बच्चों के विकास में मदद करें और उन्हें योग्य प्यार और सहयोग दें । इन बच्चों को दया की नहि, स्नेह और सहयोग की ज्यादा जरूरत होती है ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org