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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ (३) करोड़रज्जु की ५० प्रतिशत कार्यवाही बंद होना (ब्राउन
सिक्वर्ड-सीन्ड्रोम)। उससे एक तरफ के पैर की हलचल बंध
होती है, और दूसरे तरफ के पैर की संवेदना बंद होती है। (४) करोड़रज्जु के अगले भाग का काम करना बंद होना (जैसे कि
रक्त नली का बंद हो जाना) । (५) करोड़रज्जु का बिलकुल ऊपर के भाग में दब जाना (Foramen
Magnum Compression) । (६) सिरिंगोमायेलिया : करोड़रज्जु के बीच का भाग रिक्त हो कर
प्रवाही भर जाना, जिससे हाथ की नसें सूखे, पेशाब रुके । (७) कोनस मेडयुलारीस सिन्ड्रोम : करोड़रज्जु के अंतिम भाग में
दबाव या गांठ होना। (८) कोडा इक्वाईना सिन्ड्रोम : करोड़ में (मेरुदंड) से निकलने
वाली अंतिम ज्ञानतंतुओ के झुंड की बीमारी । इस प्रकार अन्य तरीके से करोड़रज्जु की बीमारियों को दो हिस्से में विभाजित किया जा सकता हैं : (१) करोड़रज्जु पर दबाव का असर होना (Compressive
Myelopathy): उदा. गांठ, परु इत्यादि से होने वाले दबाव । (२) करोडरज्जु पर दबाव न हो, ऐसी बीमारियाँ
(Noncompressive Myelopathy) : जिसमें करोड (मेरुदंड) का संक्रमण, विटामिन की कमी, सूजन, घिसाव (degeneration), रसायनों और दवाई से आड़असर इत्यादि
सम्मिलित होती हैं। यह सब में MRI, Myelography, Lumbar Puncture (कमर के पानी की जांच) आदि द्वारा निश्चित निदान तथा इलाज हो सकता हैं।
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