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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ इन सभी बीमारियों में विशेषतः योग्य फिजियोथेरेपी (व्यायाम) करना जरूरी है। साथ ही पौष्टिक आहार लेना और पीठ की त्वचा में छाले न पड़े इसका ध्यान रखना | मल-मूत्र त्याग की तकलीफ हो तो उसका योग्य उपचार करवाना चाहिए ।
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करोड़रज्जु की सभी बीमारियों के विषय में जगह की कमी के कारण लिखना संभव नहीं हैं ।
सुर्खियाँ
करोड़रज्जु, मस्तिष्क से पसार होनेवाली संवेदनाओं को चेता और स्नायुओं तक पहुंचाने वाला प्रसारण केन्द्र है । इसमें होनेवाली बीमारियों के समूह को मायलोपेथी कहते है ।
• सर्वाइकल मायलोपेथी, डोर्सलमायलोपेथी वगैरह मायलोपेथी के प्रकार है ।
• करोड़रज्जु की एम. आर. आई. जांच या सीटीस्कैन, कमर के पानी की जांच, मायलोग्राफी, विशिष्ट लेबोरेटरी जांच, इ.एम.जी., इत्यादि से रोग के बारे में अच्छी तरह से जाना जा सकता है ।
• करोड़रज्जु की सर्जरी निष्णात के पास सामान्यतः सरल है, इसीलिये सफलता से की जा सकती है ।
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