________________
एईड्स (चेतातंत्र पर उसकी असर) (AIDS - its effects on Nervous System)
___एईड्स अर्थात् एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशियन्सी सिन्ड्रोम । यह रोग एच.आई.वी. अर्थात् ह्युमन इम्युनोडेफिशियन्सी वाइरस से होता है। इस वायरस के कारण शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता में कमी होने से यह (AIDS) बिमारी होती है । एईड्स एक ही रोग नहीं परंतु एक से अधिक बीमारियों के समूह को निर्देशित करता है।
सामान्यतः हमारे शरीर में विभिन्न बीमारियों का मुकाबला करने के लिए दो प्रकार की रोग प्रतिकारक शक्ति होती है : (१) सेल मिडिएटेड-कोषप्रेरित अर्थात् श्वेतकणो-लिम्फोसाइट से उपलब्ध रोग प्रतिकारक शक्ति (२) ह्यूमरल इम्यूनिटी अर्थात् एन्टिबोडी से उपलब्ध क्षमता ।
एच.आई.वी. विषाणु रक्त में रहने वाले टी-लिम्फोसाइट प्रकार के श्वेतकणों को संक्रमित कर के उनकी संख्या और क्षमता घटाते है। शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता का मुख्य आधार श्वेतकण है । वह कम होने से शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति क्रमशः घटती जाती है । उसके कारण जो सूक्ष्म जीवों से अन्य तंदुरस्त मनुष्य को संक्रमण नहीं होता, उन्हीं सूक्ष्म जीवों से एईड्स बीमारीयुक्त व्यक्ति आसानी से संक्रमित हो सकता है ।
एईड्स किस प्रकार प्रसरता है : (१) सजातीय या विजातीय संभोग से । (२) एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति का रक्त अन्य मरीज को
देने से। एच.आई.वी. संक्रमित माता से गर्भावस्था दौरान उसके बच्चे को, प्रसूति के समय और प्रसूति के बाद स्तनपान द्वारा यह संक्रमण होने की ३० से ४० % संभावना रहती है।
(३) ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org