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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ (Benign) होती है, जैसे कि मेनिन्जिओमा, पीच्युटरी ट्यूमर इत्यादि । संक्रमित रोग से उत्पन्न होने वाली गांठे जैसे की ट्यूबरक्यूलोमा, मवाद की गांठ, सिस्टसरकोसिस, एईड्स का भी उल्लेख करना चाहिए । लेकिन उसके लक्षण, ईलाज और उपचार के प्रकार भिन्न-भिन्न होते हैं ।
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लक्षण / चिह्न :
मस्तिष्क की गांठ के लक्षण क्रमशः बढते दिखाई देते हैं, जो अलग अलग तरह की गांठ की गुणवत्ता, स्थान, कद, प्रकार, विकास और सूजन पर आधारित होते है ।
(१) मस्तिष्क में दबाव बढ़ना ( Increased Intracranial Pressure) : प्रत्येक गांठ का कद बढ़ने से मस्तिष्क में दबाव बढ़ता है, जिससे दोनों तरफ का सिर दर्द होना, उल्टी होना, अंधेरा लगना, बेचैनी का अनुभव होना, चीजों का एक के बदले दो दिखना (Diplopia) जैसे चिह्न आते हैं। सिर दर्द के केस के सभी मरीजों को ब्रेईन ट्यूमर नहीं होता । बल्कि १ प्रतिशत केस में ही ब्रेन ट्यूमर होता है । कोई भी स्वस्थ व्यक्ति को क्रमशः सिर दर्द बढ़ता जायें तो टयूमर के विषय में निष्णात के पास जाँच करवा लेनी चाहिये ।
(२) गांठ मस्तिष्क के जिस हिस्से में हो उस अनुसार लक्षण दिखाई देते हैं । जिससे मरीज को क्रमशः पक्षाघात का असर भी हो सकता है। बोलने में तकलीफ होना, यादशक्ति कम होना या शरीर का संतुलन बिगड़ना, ऐसा हो सकता है । कुछ मरीजों में सिर्फ व्यक्तित्व या व्यवहार पर असर पड़ता है । मल-मूत्र त्याग अनियंत्रित हो जाता है ।
(३) मिर्गी आना अथवा बेहोश होना यह भी एक महत्वपूर्ण लक्षण है । मिर्गी के साथ में यदि सिरदर्द अथवा पक्षाघात की असर भी हो तो तात्कालिक जाँच करवा लेनी चाहिये ।
(४) कभी कभी गांठ में हेमरेज होने से मरीज की परिस्थिति अचानक ही बिगड़ जाती हैं ।
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