________________
9.कंपवात (Parkinsonism)
113
(३) प्रोग्रेसिव सुप्रान्युक्लिअर पालसी (PSP) :
पार्किन्सन जैसे शुरूआत में लगनेवाले ये रोग में कडकपन मुख्यतः छाती और पीठमें आता है (Axial Rigidity) - जो कि पार्किन्सन्स डिसीज में हाथ-पैर के स्नायु में आता हैं । आँखो के स्नायु की हलनचलन कम होती है (Supranuclear palsy) । विशेष तो ये मरीज रोग की शुरूआत से चलते चलते बारबार गिरता है और उसकी
आवाज में फर्क पड जाता है । (४) कोर्टिकोबेझल डीजनरेशन (CBD) :
इसमें कंपवात के साथ एक बाजु के हाथ की विचित्र हलनचलन होती है (alien limb movements) और उसमें संवेदना भी अलग हो जाती है । हाथ में ताकत होने के बावजूद वो हाथ से कार्य नहीं होता है (Apraxia) ।
-(सुखिया • मस्तिष्क में स्थित सबस्टेन्शिया नायग्रा नामक कोष किसी कारण वश क्षतिग्रस्त होकर नष्ट हो जाता है तब डोपामीन नामक बेईन के मुख्य जैविक रासायण की उत्पत्ति कम हो जाती है, जिसके कारण कंपवात की बिमारी होती है। ज्यादातर मरीजो में ट्रेमर पहला लक्षण होता है । अन्य लक्षणों में स्नायुओं का कडक होना, कार्य की गति कम होना, याददास्त में कमी होना, डीप्रेशन आना, चेहरे के हावभाव अद्रश्य होना, मुंह से राल टपकना आदि होते है। आगे जाते मरीज़ एक पूतले जैसा बन जाता है, किन्तु सभानता आखरी दम तक बनी रहती है।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org