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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ उपचार :
डोपामिनर्जिक दवाईयाँ, ओक्सिकोडोन, गाबापेन्टिन, लोहतत्त्व
की कमी का उपचार (३) निद्रा में श्वास रुक जाना : (Sleep-Apnea Syndrome)
उसके मुख्यतः दो प्रकार है । (a) Obstructive sleep Apnea :
नींद में जोर से खर्राटे बोलना, नींद में श्वास रुक जाना और दिन में ज्यादा निंद आना ईसके मुख्य लक्षण है। जैसा कि आगे बताया गया है, निद्रा की REM अवस्था में श्वास अनियमित रहता है । कभीकभी तो श्वास १० सेकन्ड तक रूका हुआ लगता है । निद्रा की प्रारंभिक अवस्था में श्वास का, इस प्रकार का अवरोध कोई बीमारी नहीं है, परंतु कितने ही व्यक्तियों में यह श्वासावरोध बारबार होता है और वह १० सेंकन्ड से भी अधिक समय तक चलता है । श्वासोच्छ्वास में रूकावट, या तो श्वासोच्छ्वास बंद हो जाने के कारण श्वासावरोध होता है। उपरी श्वसन मार्ग (Pharyngeal airway) छोटा या दबा हुआ हो, तो ये रोग हो सकता है । सोने के बाद श्वासावरोध होता है और रक्त में प्राणवायु कम हो जाता है तथा कार्बनडायोक्साईड बढ़ जाता है । इस कारण निद्रा से भी अचानक उठ जाना पडता है और फिर श्वासोच्छ्वास सरल होने से फिर निद्रा आती है । ऐसा कई बार होने से गहरी निद्रा में विक्षेप पडता है, इस कारण मरीज दिन में अधिक निद्राधीन रहता है । अनिद्रा अधिक समय तक रहे तो मस्तिष्क की कार्य क्षमता में विक्षेप पहूँचता है, जिससे बुद्धि, व्यक्तित्व और व्यवहार में बदलाव हो सकता है । क्वचित हृदय बंध हो जाता है । समज में न आए ऐसी मृत्यु निद्रा में हो सकती है या ब्लडप्रेशर भी हो सकता
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