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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ
(1) Frontal variant
(2) Primary progressive aphasia
(3)
Semantic dementia
यह रोग के चिह्न समूह के साथ एम. आर. आई. नामकी जाँच द्वारा यह रोग का निदान हो सकता है । जिसमें फन्टल लॉब और / या टेम्पोरल लॉब का संकुचन ( Atrophy) देखा जाता है । यह संकुचन की मात्रा दर्दी के रोग की गंभीरता अनुसार होती है । परंतु कई मरीजो में रोग के शुरू के समय पर एम. आर. आई. नोर्मल भी लग सकता है । यह रोग में जनिन की खामी भी देखी गई है, जिसमें MAPT जनिन में म्यूटेशन या प्रोग्रेन्यूलिन में म्युटेशन १७ नंबर के रंगसूत्र में देखी गई है । यह रोग का कोई ठोस उपचार नहीं है । (३) वास्क्युलर डिमेन्शिया - मल्टि इन्फार्कट डिमेन्शिया (MID ) :
मस्तिष्क के छोटे छोटे हिस्सो में रक्त का परिभ्रमण घटने से इन भागों की कोषिकाऐं नष्ट हो जाने पर यह स्थिति उत्पन्न होती है । रक्त का दबाव बढ़ने से, छोटी छोटी रक्तवाहिनीयों के टूटने से और रक्त के छोटे गठ्ठे द्वारा छोटी रक्तवाहिनीयों में अवरोध पैदा होने से मस्तिष्क के कई भागों में रक्त का परिभ्रमण कम या बंध हो जाता है । अनेक जगह ऐसी क्षति होनेसे MID होता है । उच्च रक्तचाप (High B. P . ) के कारण धमनी क्षतिग्रस्त हो के मोटी (Thick) होती है । उससे खून का परिभ्रमण कम होने से भी ये रोग हो सकता है (Deep white matter changes ) I
यह रोग की शुरुआत अचानक हो सकती है । या उसमें उत्तरोत्तर (Stepwise) बढ़त हो सकती है । आरंभ में अधिकतर लोगों की याददास्त (मुख्यतः नजदीक के भूतकाल की बातें) कम हो जाती है I रोग के लक्षणों में और मरीज की मानसिक स्थिति में चढाव - उतार होता रहता है । इस प्रकार के मरीज में सजागता, आल्जाइमर्स डिमेन्शिया के मरीजों से अधिक होती है । मरीजों का असल व्यक्तित्व भी कम
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