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१.
सो
मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ पार्किन्सन प्लस सीन्ड्रोम्स :
__पार्किन्सन जैसे ही लक्षणों वाले निम्नलिखित रोगो में समयसर निदान करना अत्यंत जरूरी है। क्योंकि इन रोगो में पार्किन्सन की दवा ज्यादा उपयोगी नहीं साबित हुई है और अगर जल्दी निदान करके उचित सारवार न की जाए तो ये रोग जल्दी से आगे बढ़ते है और मरीज पथारीवश हो जाते हैं । (१) मल्टी सिस्टम एट्रोफी (MSA) :
यह रोग में पार्किन्सन के कुछ लक्षण तो होते ही है । साथमें
असंतुलन - गिर जाना - बोलने में तकलीफ - हाथ की क्रियाओं की तकलीफ भी आती है । ये होने का कारण छोटे दिमाग (Cerebellum) का कार्य बिगडना है । अनुकंपी - परानुकंपी तंत्र (autonomic system) के बिगडने से एकदम खडे होने पर ब्लड प्रेशर कम हो जाता है । युरीन (पिशाब) में अटकाव आता है
या युरीन कपडे में हो जाता है । इसमें पार्किन्सन के अलावा दो और तंत्र में मुसीबत होने
के कारण इसे मल्टीसीस्टम अट्रफी कहा जाता है । (२) डिफ्यूझ लेवी बॉड़ी डिसीझ (DLB) :
इसमें रोग के शुरूआत में ही याददास्त कमजोर होना, भ्रमणा होना, समानता में काफी चढाव-उतार आना वगैरह देखने को मिलता है, और पार्किन्सन के लक्षण बाद में आते है । चित्तभ्रमकी दवाईयों का इसमें ज्यादातर बहुत उल्टा असर होकर शरीर जकड जाता है ।।
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