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4- मिर्गी के दौरे (Epilepsy)
(५) एक बार मिर्गी हुई, तो हमेशा रहेगी । नहीं, ऐसा नहीं है । ७० से ७५ प्रतिशत मामलों में दवा लेने से शत प्रतिशत राहत होती है । कुछ को जिंदगी में एक ही बार दौरा पडता है ।
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एपिलेप्टिक मरीज बिल्कुल सामान्य ( नोर्मल ) हैं । उनके प्रति नकारात्मक रवैया - अभिगम नहीं रखें तथा यह धारणा नहीं बनाएं कि यह मरीज खामीयुक्त है ।
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ऐसे मरीजों को रोग काबू में आने के बाद भी कुछ वर्ष तक ड्राइविंग नहीं करना चाहिये, और स्विमिंग तथा आग से दूर रहना चाहिये ।
जुलियस सीजर, नेपोलियन, ऑल्फेड नोबेल, विन्सेंट वान गोग, जॉन्टी रोड्स जैसी विख्यात हस्तियों में यह रोग था, फिर भी वे उनके क्षेत्र में सफल रहे । इस तरह सामाजिक व व्यावसायिक आदि गतिविधियों में महानता प्राप्त करने में मिर्गी कोई बाधा नहीं बनती ।
मिर्गी के मरीज की सर्वांगी मदद के लिये, 'एपिलेप्सी अवेरनेस फोरम' अहमदाबाद में कार्यरत है, जिसमें रोग की जानकारी, आर्थिक सुविधा, ग्रुप- कार्यक्रम आदि रखे जाते है । मरीज तथा परिजनों को मानसिक सांत्वना देने व समाज में उन्हें स्वीकृति दिलाने वाली गतिविधियां चिकित्सा विशेषज्ञों की देखरेख में की जाती हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर इंडियन एपिलेप्सी सोसायटी तथा इंडियन एपिलेप्सी एसोसिएशन जैसी आंतरराष्ट्रीय मान्यताप्राप्त संस्थाएं भी काफी सक्रिय है । अहमदाबाद, बम्बई, दिल्ली जैसे बड़े शहरो में उसकी शाखाएँ कार्यरत है ।
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