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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ साथ मस्तिष्क का दूसरा भाग जिसे सप्लिमेन्टरी मोटर कोर्टेक्स कहते है, वह हलनचलन के पूर्व कुछ संदेश पेदा करते है । उसका भी महत्वपूर्ण योगदान है । पिरामिडल सिस्टम में क्षति पैदा हो तो पक्षाघात होता है।
(२) पेरापीरामिडल सिस्टम में मुख्यतः रुब्रोस्पाइनल, टेक्टोस्पाइनल, रेटीक्युलोस्पाइनल, वेस्टीब्यूलोस्पाइनल आदि चेतासमूह ट्रेक्ट्स आए हुए हैं। इसका काम पिरामिडल सिस्टम पर अपना प्रभाव डालना है, जिससे इच्छावर्ती कार्य कुछ निश्चित रूप से निश्चित क्रमबद्ध तरीके से ही होता है । इसमें रेड न्यूक्लीयस, टेक्टम और छोटे मस्तिष्क जैसे मस्तिष्क के अनेक अवयव जुड़े हुए है । इसमें क्षति हो तो असंतुलन और कँपन आदि चिह्न आते है ।
(३) इस प्रकरण में जिन रोगों के विषय में बात करनी है, उन्हें मूवमेन्ट डिसओर्डर्स (हलन-चलन की खामियां) कहते है। उन घटकों में मुख्यतः बेझल गेन्गलीआ नामक मस्तिष्क के मध्य भाग में आने वाले कोष समूह मुख्य भूमिका निभाते है और इस सिस्टम को एक्स्ट्रा पीरामिडल सिस्टम कहते है ।
Basal Ganglia
कोड़ेट न्युक्लिअस
इंटर्नल केप्स्युल
ग्लोबस पेलीडस
थेलेमस
पुटामेन
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