________________
एक प्रेरणा
तरुण तपस्वी आचार्य श्री तुलसी अहिंसा के महान सेनानी है । आपके अहिंसा-आन्दोलनने फिर हिंसाको पैर हिलाये है। सुदूर पूर्व और पश्चिमसे यह जिज्ञासा आई कि यह क्या कुछ हो रहा है ? इसका कर्तृत्व किसके हाथो मे है, आदि आदि ? अच्छा हो कि इस जिज्ञासाका समाधान में करूं ।
मुझसे आपके जीवन, उसकी अनुभूतियों एवं कृतियोका विश्लेषण होना सम्भव नहीं लगता, फिर भी मेरा यत्न आत्मसन्तोषके लिये पर्याप्त होगा ।
यह
आज आपके जीवनका चौथा अध्याय चल रहा है । परिच्छेद आपके जीवनकी घटनावलियों के आधार पर होता है । आप वि० सं० १९७१ मे जन्मे । ११ वर्ष तक घर पर रहे। उसके बाद वि० सं० १९८२ मे
जीवनको बाते