Book Title: Acharya Shree Tulsi
Author(s): Nathmalmuni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 146
________________ १२२ आचार्य श्री तुलसी ___"एक चिरागसे हजारो चिराग जलाये जासकते है। प्राचार्यश्री के उपदेश तथा उदाहरणरूपी जगमगाते चिरागसे अनेक पवित्र जीवन प्रकाश प्राप्त कर सकते है। आपका शान्ति और बन्धुत्वका प्रादर्श सम्पूर्ण भारतवर्ष में फैले।" शान्तिका प्रसार आपका प्रथम या चरम लक्ष्य है। किन्तु उसके लिए साधना जरूरी है, ऐसा आपका विश्वास है । शान्ति के अनुरूप आदर्श और व्यवहार बनाये बिना वह मिल नही सकती। इसीलिए उच्च भूमिका पर फलित होनेवाली आपकी साधना दूसरोंके लिए स्वयंसिद्ध आकर्षण है । एक बार भी आपकी साधनापूर्ण दशाका अवलोकन करनेवाला अपने आपको धन्य मानता है। भारतके सर्वोच्च न्यायालयके मुख्य न्यायाधीश सर पेट्रिक श ने आचार्यश्री से हुए अपने सम्पर्कका उल्लेख करते हुए कहा : "मैने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मेरे जीवन में ऐसा __ सुन्दर सप्ताह गुजरेगा।" ____ उन्होंने बिदा होनेके पूर्व बड़े आग्रहके साथ आचार्यश्री से __ मंगल-पाठ सुना। इसके पूर्व उन्होंने एक वक्तव्य देतेहुए कहा :--- * "ये साधु-साध्विया माजके कष्टपूर्ण समयमे ससारकी भलाई और शान्तिके लिए कार्य कर रहे है, यह देख मुझे वडा सन्तोष है। *“I am profoundly satisfied that in the present troublous times these Sadhus aud Sadhwis are working for the good and peace of the world . The example set up by His Holiness, His Sadhus and Sadhvis 18 one

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