Book Title: Acharya Shree Tulsi
Author(s): Nathmalmuni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 215
________________ स्फुट प्रसग 191 विचार व्यावहारिक नहीं होते, यह तथ्यहीन धारणा है। आपने इसे बदलनेको प्रचुर विचार-सामग्री दी है। वह संकलित हो जनताका सही पथ-दशन कर सकेगी, हमे ऐसा विश्वास है। ____आपने जात-पातके भेद भावसे दूर विशुद्ध आध्यात्मिक भावना की आवाज बुलन्द कर धर्मके लिए नई भूमिका तैयार की है। धर्म से दूर भागनेवाला आजका क्रान्तिकारी युवक एक बार फिर उसकी ओर देखनेके लिए वाध्य हुआ है। साधु समाजके लिए उपयोगी नहीं है, इस भावना पर आपने अणुव्रतो संघकी स्थापना पर करारा प्रहार किया है। नैतिक व चारित्रिक बलका सहयोग देनेवाला वर्ग समाज के लिए भार नहीं, अपितु उनका उन्नायक होता है। ____ आपने अपनी व संघ (तेरापन्थ ) की नाहित्य-नाचना, शिक्षा तथा व्यापक प्रचारक द्वारा पूर्ववर्ती जन-सन्त के गौरवका पृग प्रतिनिधित्व किया है। इस प्रकार आचार्यकरके जीवनकी एक. भोकी हमारे लिए आनन्द और उहालका विषय है। जोवनमा पूर्ण दर्शन शहाली में नहीं होता। आप चिरकाल तक हमारा नेतृत्व करें। रिना-धर्म आलोकसे विश्वको आलोक्ति करें।

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