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यहां (जयपुर) से जानेके का समय बाद पोफेसर तानने शान्तिवादी सम्मेलनके सदस्यों को टी-पार्टी दी। तब वार्तालाप के क्रममें उन्होने बतायाः
हमारे यहा चार प्रकारके पुरुष माने गये है .प्रथम-मनसे भो शुज पोर शरीरसे भी शुद्ध । द्वितीय-मनसे शुद्ध, शरीरसे लशुद्ध । तृतीय-मनसे अशुद्ध और शरीरसे शुरु । चतुर्थ-मनसे अशुस और शरीरसे भी अशुद्ध ।