Book Title: Acharya Shree Tulsi
Author(s): Nathmalmuni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 197
________________ स्फुट प्रसंग आचार्यश्री के दैनिक क्रममे योगासन भी एक प्रवृत्ति है। योगासन र समयकी खींचातानमें आप प्रायः उसके लिये भासन-प्रयोग समा समय निकालते है। हलासन, सर्वांगासन, पद्मासन, बद्धपद्मासन, ये आपके प्रिय आसन है। ___ अधिक औषध-सेवन को आप बहुत बुरा मानते हैं। यथासंभव आप औषधि नहीं लेते। जुकाम, ज्वर आदि साधारण स्थितिका प्रतिकार प्राकृतिक साधनोसे ही करते है। प्राकृतिक चिकित्साके प्रति आपका विश्वास है। आप बहुत वार साधु-परिपर्दो यह समझाते है कि अगर मात्रा और संज्यामे कम वस्तुएँ खाईजाएं तो दोपज रोग होने

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