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जनसम्पर्क
दृष्टि हम लोगोके मनके अन्तस्तलमें प्रवेश कर जाती है। पर हमलोगो की असफलताओके प्रति उनकी अत्यधिक सहिष्णुता तथा क्षमाशीलता है और उपस्थितिमात्रसे ही शुद्ध प्रवृत्तिया क्रियाशील हो जाती है। __ मेरे मनपर यह प्रभाव पडा है कि वे भ्रान्त मानवताके म वितदाता है ।
दुर्भाग्यवश श्रीचरणोसे मेरा सत्सग बहुत कम समय तक रहा तथा दर्शनार्थियोकी अपार भीड और उनके व्यस्त दैनिक कार्यक्रमके कारण मुझे उनसे कुछ पाठ पढने का अवसर नहीं मिल सका, पर उनके कुछ सन्त शिष्योसे कुछ शास्त्र-चर्चाका अवसर मिला और इसीसे शास्त्रोपर उनके अद्भुत अधिकारका अनुभव प्राप्त करना मेरे लिए सम्भव हो सका।"
चीनमे भारतीय राजदूत सरदार के० एम० पन्निकर, डा० अमरेश्वर ठाकुर, प्रो० दुर्गामोहन भट्टाचार्य संसदके सदस्य मिहिरचन्द्र चट्टोपाध्याय आदि बहुतसे भारतीय और अनेकों
and the fully crammed programme of his daily activities did not afford scope for taking lessons from bim, But I had the privilege of discoursing with some of his monk disciples and this mando it possible for me to realise their stupendous mastery orer the Shastras"
Spuutual Renaissance in Rajastlian and His Holiness Sliri 1008 Shri Tulsiramji Swami tie 9th Pontiff of the Jain Swetambar Terapantlu Community Page 3—4,