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अध्यापन
श्लोक रटते, उनका अर्थ बताते। थोड़े दिनो बाद हम एक-एक दिनमे छत्तीस-छत्तीस श्लोक कण्ठस्थ करये लग गये। और क्या, बात-बातमे आप स्वयं कठिनाइया सह हमारी सुविधाओंका खयाल करते।
कारलाइलने लिखा है .
"किसी महापुरुषकी महानताका पता लगाना हो तो यह देखना चाहिए कि वह अपनेसे छोटोके साथ कैसा बर्ताव करता है।"
आपका मुनि-जीवन नि सन्देह एक असाधारण महानता लिये हुए था।