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आचार्य श्री तुलमी जो लोग जन्म-जयन्ती मनाते है, उनसे आपका कोई विरोध नहीं है। आप कहते है :
"मेरी धारणा ऐसी है । जो मनाते हैं, उनकी अपनी इच्छा ।"
आपने धार्मिक जगत्की, जेनोंकी तथा युगकी विभिन्न समस्याओके विभिन्न पहलुओं पर चेतक प्रकाश डाला है। मैं गागर मे सागर भरनेकी कला नहीं जानता। मैं क्यों न आशा करूं कि मेरे पाठकोंसे आपकी विचार-सामग्रीके स्वतन्त्र अध्ययनकी आकाक्षा होगी।