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सानुवाद व्यवहारभाष्य
१३४ शैक्ष-पारिहारिक, समक-एक ही पात्र में भोजन। संडास द्वारा उपलक्षित।' यथाकल्प। (व्याख्या आगे) १३५३. कारणिय दोन्नि थेरा, सो व गुरू अधव केणई असहू।
पुव्वं सयं तु गेण्हति, पच्छा घेत्तुं च थेराणं॥ दोनों आचार्य और पारिहारिक कारणिक-रोगग्रस्त हो गए। शेष साधु देशांतर में चले गए। वे दोनों एकत्र स्थित हैं। आचार्य स्थविर होने के कारण अथवा रुग्ण होने के कारण भिक्षाचर्या नहीं कर सकते। उनका सहायक मुनि परिहारतप प्रतिपन्न है। ऐसी स्थिति में यह सामाचारी है। पहले पारिहारिक अपने लिए अपने पात्र में भिक्षा लाए, पश्चात् स्थविर के पात्र में स्थविरों के योग्य भिक्षा लेने जाए अथवा पहले स्थविरों के लिए और पश्चात् स्वयं के लिए भिक्षा लेने जाए। १३५४. जइ एस समाचारी किमट्ठसुत्तं इमं तु आरद्धं।
सपडिग्गहेतरेण व, परिहारी वेयवच्चकरे।। शिष्य ने पूछा-यदि यह सामाचारी है कि पारिहारिक अपने लिए अपने पात्र में तथा इतर-अर्थात् आचार्य के लिए आचार्य के पात्र में भिक्षा लाए, क्योंकि वह अपने आचार्य का वैयावृत्त्यकर होता है, तो फिर इस सूत्रद्वय का आरंभ-प्रतिपादन क्यों ? १३५५. दुल्लभदव्वं पडुच्च, व तवखेदितो समं वसति काले।
चोदग ! कुव्वंति तयं, जं वुत्तमिहेव सुत्तम्मि।।
आचार्य कहते हैं-दुर्लभ द्रव्य की अपेक्षा से अथवा तप से खिन्न पारिहारिक की अपेक्षा से अथवा वसति में भिक्षाकाल समान होने से इन तीन कारणों से सूत्र में जो कहा है वत्स! वैसा किया जाता है। १३५६. पास उवरिव्व गहितं, कालस्स दवस्स वावि असतीए।
पुव्वं भोत्तुं थेरा, दलंति समगं च भुंजंति।। (पात्र आदि धोने के लिए) द्रव अर्थात् पानी का अभाव होने पर, पारिहारिक मुनि अपने एक ही पात्र के एक ओर आचार्य के लिए तथा दूसरी ओर स्वयं के लिए अथवा स्वयं के योग्य नीचे
और आचार्य के लिए ऊपर भिक्षा लेता है। ऊपर जो भिक्षा आचार्य के लिए गृहीत है, उसे स्थविर पहले खा लेते हैं, शेष पारिहारिक को देते हैं अथवा दोनों का भोजनकाल क्रमशः नहीं है तो दोनों साथ में भोजन कर लेते हैं। यह यथाकल्प-यथावस्थित सामाचारी है।
दूसरा उद्देशक समाप्त
१. अलर्क-रोगी कुत्ते के काटने पर उसी का मांस खाने से व्यक्ति निरोग हो जाता है। एक व्यक्ति को ऐसे कुत्ते ने काट खाया किंतु वह मांस खाना नहीं चाहता था। उसने सोचा-मैं कुत्ते के मांस के हाथ कैसे
लगाऊं। तब उसने संडासी से मांस का टुकड़ा लिया और अपने मुंह में डाल दिया। इसी प्रकार पारिहारिक मुनि द्वारा स्थविर के लिए लाया गया आहार स्थविर मानो घृणा करते हुए उसे खा लेते हैं।
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