Book Title: Sanuwad Vyavharbhasya
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 456
________________ गाथानुक्रम असिवगहिती व सोउं असिवादिए फिडिया ३५८२ २३०९ असिवादिकारणगता ३३९६ असिवादिकारणगतो २९३६ असिवादिकारणेणं १७३८ असिवादिकारणेहिं ८९४, १७६४ ३६४७ ४२७९ १०२५ ३१४८ १८६२ २७६९ ३४० २६६७ ३०९२ ३६४३ २३१ ३२८५ १७५८ असिवादी कारणिया असिवादीहि वहंता असिवे ओमोयरिए असिवोमाघतणेसुं असिहो ससिहगिहत्थो असुभोदयनिप्फणा असुहपरिणामजुसेण अस्सामिबुद्धियाए अह अत्थइत्ता होज्जाहि अह एते तु न हुज्जा अहगं च सावराधी अह गंतुमणा चेव अह चिह्नति तत्थेगो अहछंदस्स परूवण अह नत्थि को वि वच्चतो अह पुण असुद्धभावो अह पुण एगपवेसे अह पुण कंदप्पादीहि अह पुण जेणं दिहो अह पुण निव्वाघानं अह पुण भुंजेज्जाही अह पुण रूसेज्जाही अह पुण विवरूवे अह पुण हवेज्ज दोनी अह पेहिते वि पुव्वं अह बेती वायंतो अह भावालोयणं धम्म अहमद एहामो ता अहयं अनीमहल्लो अहरत्त सत्तवीसं अह संभेज्ज दारट्ठो अहवन भासा अव पुरसंधुतेतर अहवा अत्तीभूतो Jain Education International ८६३ ३००६ ३९११ ३३३४ ३३८७ ३४३२ ३१६८ १२६७ ९०४ ४२८८ ३३७० ३२६४ २२२९ ३४४२ २०८८ १९३७ २०६ ३२९३ ४६३८ १२७४ २०६८ अहवा अवस्सघेत्तव्ययम्मि ३५१४ अहवा आयरिओ वी २२५१ अहवा आहारादी १६ अहवा एगाहिगारो १६३५ अहवा कज्जाकज्जे २३.१७३ अहवा गणस्स अपत्तियं अहवा गाहग सीसो अहवा जत पडिसेवि अहवा जात समत्तो अहवा जेणऽण्णइया अहवा जो आगाढं अहवा तदुभययं अहवा दिवंतऽवरो अहवा दीवगमेलं अहवा दोण्णि व तिण्णि व अहवा दोण्ह वि होज्जा अहवा दोन्नि वि पहुणो अहवा दो वि मंडते अहवा न लभति उवरिं अहवा पढमे सुद्धे अहवा पणगादीयं अहवा बेंति अगीता अहवा बेंति अम्हे ते अहवा भत्ते पाणे अहवा भयसोगजुतो अहवा वणिमरुएण य अहवा वि अण्ण कोई अहवा वि तिन्नि वारा अहवा वि तीसतिगुणे अहवा वि धम्मसद्धा १३३५ १७११ ५७९ १७४४ ४५१५ १६४८ अह साहीरमाणं तु अह से रोगो होज्जा अहिगरणे उप्पन्ने अहिज्जमाणे उ सचितं २०७५ ३१०६ १६३६ १८२१ २०९६ ३४५५ ३९३८ १४७० ३२०६ ९१७ १२९३ ३५३४ २७८५ ११४१ ४५६ २८४९ ३४३३ २०३ २४७५ अहवा वि सरिसपक्खस्स २९५४ अहवा समयं पत्ता ३९१३ १६१.६०६ अहवा सावेक्खितरे अहप्पण्णे सच्चित्तादी २१५२ अवेशियं वत्ती ३७८४ ३८२९ २३४५ २९८२ २१५० अहियं पुच्छति ओगिण्हते १४२५ For Private & Personal Use Only अहिमवरिसस्स वि ४६५३ अहियासियाय अंतो ३१५७ आ आइण्णमणाइण्णं आइनं विणमुक्के आइल्ला चउरो सुत्ता आउट्टितो ठितो जो उ आउट्टियावराहं आउट्टो सिव लोगे आउत्थ परा वावी आउयवाघातं वा आगतमणागताणं आगम गम कालगते आगमणं सकार आगमणे सकारं आगमतो बबहार आगमतो ववहारो ३७०५ आएस दास भइए आकंपयित्ता अणुमाणयित्ता ५२३ आकिण्णो सो गच्छो २०८७ आगंतुं अन्नगणे आगंतुगो वि एवं आगंतु तदुत्थे आगंतु भद्दगम्मी ४१७ आगाढजोगवाहीए आगाढमुसावादी आगाढम्म उ जोगे आगाढो वि जहनो आगारेहि सरेहि य आगासकुच्छिरो आणा दिट्टंतेण य आणादिणो य ८५७ ३१२३ ३७१८ ३९३७ ३२३३ २५४५ ३८७१ ९१९ आणादी पंचपढ़े १६२५ १८६० २३५७ आगमववहारी आगमेण ३८८४ आगमववहारी छव्विहो वि ४०५१ आगमसुतववहारी आगमसुताउ सुतेण ३१८ ९ आगम्म एवं बहुमाणितो आगाढं पसहायं तु २२३२ २१०१ ३६३० २८३९ ८११ ४०५० ४०२९ १४०४ २७७१ ३०५७ १७२७ २१४१ २१२१ ३२३ २३०१ ४६०७ १३०४, २७४८, २७८८, ३२६१ ३३०३ www.jainelibrary.org

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