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पउमचरिउ
अठारहवीं सन्धि
२८८-३०२
मन्दराचलकी प्रदक्षिणा, अनन्तरथकी केवलज्ञानकी उत्पत्ति, राजपरिज्ञाना
अंजनामे सगाई, कुमारकी कामवेदेना, मित्रको सान्त्वना, दोनोंका आदित्यनगर पहुँचना और कुमारका रुष्ट होना, विवाह और परित्याग, कुमारका युद्धके लिए प्रस्थान, मानसरोवरपर डेरा चीके वियोगसे प्रेमका उनेक चुप-चाप आकर अंजना एकान्त भेंट |
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उन्नीसवीं सन्धि
३०२-३६४
मिलनका प्रतीक चिह्न देकर कुमारका प्रस्थान, मास द्वारा अंजनापर लांछन घर से निष्कासन, पिता घर पहुँचना, पहुँचना, पिताका तिरस्कार, अंजनाका जिल्लाप, मुनिवरसे भेंट, उनकी सान्तवना, सिंहका आना और देव द्वारा उनको रक्षा, हनुमान्का जन्म, प्रतिसूर्यका अंजनाको ले जाना, हनुमानुका गिलापर गिरना, पवनकुमार का युद्ध से लोटना और विशप पनकी उन्मत्त अवस्था, पवनका गुप्त संन्यास, उसकी खोज, उसका पता लगाना, हनुरुद्वीपको प्रस्थान |
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बीसवीं सन्धि
३२४-३३९
हनुमानका यौवन में प्रवेश, हनुमान् और पवनमें विवाद हनुमानका रावण द्वारा स्वागत, वरुण की तैयारी, तुमुलयुद्ध ऋणका पतन, अन्तःपुरकी मुक्ति, वरुण की कन्या रावणका विवाह, हनुमान् आदिका ससम्मान विदा 1