Book Title: Paumchariu Part 1
Author(s): Swayambhudev, H C Bhayani
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 371
________________ पीसमो संधि प्रचौका पास करने वाली अनुसुम / म और नीलने अपनी कन्या श्रीमालिनी / इस प्रकार बह आठ हजार कन्याओंका पाणिग्रहण कर, साभार अपने नगर चला गया। शम्यूकुमार वनवासके लिए चला गया, सूर्यहास तलवार सिद्ध करनेके लिए" ||1-12 // पत्ता-सुग्रीव अंग, अंगद, नल, नील भी गये, खरदूषण भी कृतार्थ हुए, सष विद्याधरोंकी क्रीड़ाके साथ भोग करते हुए, रहने लगे // 12 // इस प्रकार बीस आश्वासकोंका यह विद्याधर काण्ड मैंने पूरा किया | अब अयोध्याकाण्ड लिखा जाता है, उसे सुनिए / ध्रुवराजके वात्सल्य से, .... .... .... .... ... ......... अमृतम्मा नामकी महाससी, स्वयम्भकी पत्नी है, उसके द्वारा लिखाया गया यह बीस आश्वासकों में रचित है। यह विद्याधर काण्ड कामदेवके काण्डके समान प्रिय है। विद्याधर काण्ड पूरा हुआ।

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