Book Title: Paumchariu Part 1
Author(s): Swayambhudev, H C Bhayani
Publisher: Bharatiya Gyanpith
View full book text
________________
पउमपरित
भट्ट सहास एम परिणेपिणु । गड णिय-जयर पसाज मणेप्पिणु॥१०॥ सम्मु कुमार वि गउ घणवासहो । खमाही कारणे दिणपरहासहों !
घचा
सुगगीवात्म मकणीक वि गय लादू सण वि कियस्थ-फिया । विधाहर-कोएं णिय-निय-कीकएँ पुरस भुजम्त थिय ॥1॥
।
इम 'घि ना हरक एणि 'उ जमा कर। धुधरामवत इयलु । जामेण सामिया । सीए लिहादिमिणं । 'सिरि-विस्ताहर-क ।
वीस हि भासासए हिं मे सिद्ध ॥ साहिलन्त मिसामेह ॥ अपत्ति णसी सुयाणुपाडेण (1) । सयम्भु परिणो महासता ॥ वोसहि मासासएहि परिवद्धं । कई पिव कामपखस्स !!
इह पडम विज्जाहरवं समत

Page Navigation
1 ... 368 369 370 371