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तीर्थङ्कर नेमिनाथ विषयक साहित्य
१४०. नेमीब्याह पच्चीसी (कविवेगराज )
इसकी पूर्ण प्रति दिगम्बर जैन मन्दिर, वीरसली, कोटा का शास्त्र भण्डार, गुटका नं० ३, वेष्ठन ३५२ में विद्यमान है ।
रचयिता : रचनाकाल
इसके रचयिता कवि वेगराज हैं। इनका समय भी ईस्वी सन् की बीसवीं शताब्दी है । १४१. नेमिनाथ स्तवन (पं० कुशलचन्द्र )
इसकी प्रति श्रीमहावीरजी के शास्त्र भण्डार में गुटका नं० ५६ में है ।
रचयिता रचनाकाल
इसके रचयिता पं० कुशलचन्द्र हैं। इनका समय ईसा की बीसवीं शती है ।
१४२.
नेमिनाथ का ब्याहला ( नाथ कवि)
इसकी एक प्रति वधीचन्द जी का मन्दिर जयपुर वेष्ठन ९७ तथा एक प्रति दिगम्बर जैन दीवान जी का मन्दिर, गुटका नं० ११ वेष्ठन ३९ में है ।
रचयिता : रचनाकाल
इस ब्याहला के रचयिता बीसवीं शताब्दी के विद्वान् नाथकवि हैं । १४३. राजुल नेमि का बारहमासा ( कांति विजय )
इस कृति की प्रति श्री महावीरजी के शास्त्र भण्डार में संग्रहीत है । रचयिता : रचनाकाल
इस बारहमासा के रचयिता कांति विजय हैं, जो बीसवीं शताब्दी के हैं।
१४४. नेमिजी की लहर (पं० डूंगो)
इसकी प्रति श्री महावीरजी के भण्डार में "नेमिनाथ फागु” नाम से है तथा बधीचन्द जी के मन्दिर, जयपुर में "नेमिजी की लहर” शीर्षक से वेष्ठन १२७८ में है। इसके रचयिता पं०
डूंगो हैं ।
१४५. मिराजुल गीत ( बुगरसी बेनाड़ा)
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प्रति बुधीचन्द्र का मन्दिर जयपुर वेष्ठन १२७९ में विद्यमान है ।
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रचयिता : रचनाकाल
इसके रचयिता बुगरसी बैनाड़ा तथा रचनाकाल ईसा की बीसवीं शताब्दी है ।
३.
५.
१. द्रष्टव्य - डा० इन्दुराय जैन द्वारा लिखित "नेमिशीर्षक हिन्दी साहित्य" लेख, अनेकान्त अक्तूबर-दिसम्बर १९८६, पृ०
- १५
२. वही, पृ० १५
४.
वही, पृ० - १५
६. वही, पृ० -१५
वही, पृ० १५
वही, पृ० - १५